पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर बड़े स्तर पर हिंसक घटनाएं सामने आई हैं. कुछ हमलावरों ने एक बस पर हमला कर नौ यात्रियों को गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना पाकिस्तान में हाल के दिनों में बढ़ती अशांति और हिंसा की एक नई कड़ी है. बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने इस हमले समेत कई सरकारी ठिकानों पर भी निशाना साधा है और अपनी कार्रवाई को ‘ऑपरेशन बाम’ का नाम दिया है.
बीएलएफ ने मंगलवार की रात पंजगुर, सुरब, केच और खारन समेत कई जिलों में कुल 17 स्थानों पर हमले किए. इस हिंसक अभियान से इलाके में भय और अस्थिरता फैल गई है. हालांकि इस हमले में हुए नुकसान और हताहतों की पूरी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है. सुरक्षाबलों ने इलाके में व्यापक तलाशी और कार्रवाई शुरू कर दी है.
पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने भारत पर लगाया प्रॉक्सी वार का आरोप
पाकिस्तान के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने इन हमलों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान में अस्थिरता फैलाने के लिए प्रॉक्सी वॉर कर रहा है और आतंकवादी संगठनों को सहयोग प्रदान कर रहा है. मुनीर ने विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का नाम लेकर कहा कि उनके कारण पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं. उनका मानना है कि भारत की इन हरकतों से पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बिगड़ रहे हैं.
मुनीर का यह बयान पाकिस्तान के मीडिया और राजनीतिक मंचों पर पहले भी सुना गया है, जहां वे बार-बार भारत पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे हैं. उनका यह कड़ा रुख भारत-पाक संबंधों में तनाव की तस्वीर को और अधिक जटिल बना रहा है.
बलूचिस्तान में लंबे समय से जारी है विद्रोह
बलूचिस्तान प्रांत में पिछले कई वर्षों से विद्रोह और असंतोष की आग जल रही है. क्षेत्रीय समूहों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ विभिन्न आंदोलनों और हथियारबंद संघर्षों को अंजाम दिया जा रहा है. हाल ही में हुई बस हमले जैसी घटनाएं इस जटिल स्थिति को और गहरा कर रही हैं. स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है और प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए सघन उपाय किए हैं. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति नाजुक बनी हुई है और क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयास फिलहाल संघर्षों और आरोप-प्रत्यारोपों के बीच उलझे हुए दिख रहे हैं.
यह भी पढ़ें: कितना खतरनाक है चीन का सैटेलाइट नेटवर्क? ड्रैगन के स्पेस एयरक्राफ्ट और एंटी-सैटेलाइट हथियार से डरा अमेरिका!