वैश्विक मंच पर बेनकाब हुआ पाकिस्तान! जिस आतंकी संगठन को बचाने निकला, UNSC में खुल उसकी गई पोल

    UNSC Report On TRF: आतंकी संगठनों की वैश्विक गतिविधियों और उनके बढ़ते नेटवर्क को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की हालिया रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जिस संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी.

    Pahalgam attack culprit pakistan backed trf secret was revealed in UNSC
    Image Source: ANI

    UNSC Report On TRF: आतंकी संगठनों की वैश्विक गतिविधियों और उनके बढ़ते नेटवर्क को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की हालिया रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जिस संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी, वह लश्कर-ए-तैयबा के सहयोग के बिना संभव ही नहीं थी. यूएनएससी की प्रतिबंध निगरानी टीम द्वारा जारी 36वीं रिपोर्ट में आतंकवाद के वैश्विक खतरे, पाकिस्तान की भूमिका और अफगानिस्तान में पनप रहे आतंकी ठिकानों को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है.

     रिपोर्ट के प्रमुख खुलासे

    1. दो बार जिम्मेदारी, फिर पीछे हटा TRF

    यूएनएससी की रिपोर्ट के मुताबिक TRF ने पहलगाम हमले के तुरंत बाद हमले की तस्वीरें शेयर कर इसकी जिम्मेदारी ली थी और अगले दिन फिर से यही दावा दोहराया. लेकिन 26 अप्रैल को संगठन ने अचानक अपने दावे से पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद किसी और संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली.

    2. पाकिस्तान और लश्कर की भूमिका पर संकेत

    रिपोर्ट में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के साथ गहरे रिश्तों को रेखांकित किया गया है. टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा के बीच तालमेल को उजागर करते हुए कहा गया कि यह हमला लश्कर के समर्थन के बिना संभव नहीं था. भारत पहले ही टीआरएफ को लश्कर का एक नया नाम बता चुका है, जबकि पाकिस्तान इन दावों को नकारता रहा है.

    3. ISIL-के की खतरनाक विस्तार नीति

    रिपोर्ट के एक अन्य हिस्से में इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIL-K) की बढ़ती गतिविधियों पर भी गहरी चिंता जताई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ISIL-K वर्तमान में करीब 2000 लड़ाकों के साथ अफगानिस्तान, मध्य एशिया और रूस के उत्तरी काकेशस में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. बच्चों को मदरसों में आत्मघाती विचारधारा सिखाई जा रही है, जिनमें से कई को आत्मघाती हमलावर बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है.

    4. अफगानिस्तान में अल-कायदा की वापसी

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अफगानिस्तान में अल-कायदा के कई प्रशिक्षण शिविर फिर से सक्रिय हुए हैं. इनमें से कुछ नए शिविरों की पहचान भी की गई है, जहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

    5. बीएलए और टीटीपी के बीच बढ़ता गठजोड़

    रिपोर्ट में यह भी संकेत मिले हैं कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और टीटीपी के बीच सामरिक सहयोग बढ़ा है. दोनों संगठन चार संयुक्त प्रशिक्षण केंद्र चला रहे हैं जहां अल-कायदा से वैचारिक और हथियार संबंधी ट्रेनिंग ली जाती है.

    यूएनएससी की यह रिपोर्ट इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आतंकी संगठनों का नेटवर्क अब और भी अधिक जटिल, बहुस्तरीय और अंतरराष्ट्रीय हो चुका है. भारत, अफगानिस्तान और पूरे दक्षिण एशिया के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक है. पाकिस्तान की भूमिका पर उंगली उठाते हुए यह रिपोर्ट वैश्विक समुदाय को चेताती है कि आतंकवाद अब सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, यह एक साझा चुनौती है, जिसका जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कठोर नीति से ही दिया जा सकता है.

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