ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को करारा जवाब देने के साथ-साथ भारत ने एक और रणनीतिक उपलब्धि हासिल की — चीन की सैन्य क्षमताओं की वास्तविकता सामने आई. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में ईस्ट एशियन स्टडीज विभाग के प्रमुख प्रो. श्रीकांत कोंडापल्ली का कहना है कि इस ऑपरेशन के दौरान चीनी हथियारों और सैन्य तकनीक की सीमाएं उजागर हो गईं.
ब्रह्मोस के सामने बेअसर रही चीनी टेक्नोलॉजी
कोंडापल्ली के अनुसार, 9 और 10 मई को जब भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों और सटीक ड्रोन हमलों के जरिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, तो इस दौरान चीन द्वारा आपूर्ति किए गए मिसाइल डिफेंस सिस्टम और अन्य हथियार बेअसर साबित हुए. उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में चीन को भी अप्रत्यक्ष नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उनके हथियार भारतीय हमलों को रोक नहीं सके. यह उनकी सैन्य टेक्नोलॉजी में खामियों की ओर इशारा करता है."
तीन मोर्चों पर एक साथ भिड़ा भारत
भारत के डिप्टी आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने भी इस संघर्ष को लेकर अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत को 7 से 10 मई के बीच एक साथ पाकिस्तान, चीन और तुर्की के साझा खतरे से निपटना पड़ा. उनके मुताबिक चीन, इस पूरे संघर्ष को अपनी हथियार प्रणाली की "प्रयोगशाला" की तरह इस्तेमाल कर रहा था. बीजिंग ने उपग्रहों के माध्यम से पाकिस्तान को भारतीय सैन्य गतिविधियों की रियल टाइम जानकारी दी. तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन और उन्नत हथियारों की आपूर्ति कर युद्ध में अपनी भूमिका निभाई. उन्होंने इसे क्लासिक "दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने" वाली रणनीति बताया.
वायु सुरक्षा को लेकर आई चेतावनी
प्रो. कोंडापल्ली ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन ने भारत की वायु क्षमता और रक्षा प्रणालियों की ताकत को तो प्रदर्शित किया ही, साथ ही यह भी दिखा दिया कि वायु रक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता है. उन्होंने आगाह किया कि तुर्की, पाकिस्तान और चीन की संयुक्त रणनीति आने वाले वर्षों में भारत के लिए नई चुनौतियां पैदा कर सकती है.
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
भारत ने 6-7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लिया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. ऑपरेशन के मुख्य बिंदु पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया गया, 100 आतंकी मारे गए. भारतीय वायुसेना ने राफेल, सुखोई-30, सुदर्शन क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया. पाकिस्तान के 11 एयरबेस, 6 फाइटर जेट, 2 AWACS और 30 मिसाइलें नष्ट. हालांकि पाकिस्तान ने 40 नागरिकों और 11 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया, लेकिन भारत ने इसे प्रोपेगैंडा बताया.
यह भी पढ़ें: फ्लाइट के कॉकपिट में पायलट करते हैं 'रासलीला', क्रू मेंबर भी बनाते हैं शारीरिक संबंध; एयर होस्टेस का बड़ा खुलासा