ऑपरेशन सिंदूर पर जयशंकर ने कही ऐसी बात, शहबाज और मुनीर को लगने लगी मिर्ची

    Operation Sindoor: आधी रात जब पूरा देश आराम की नींद सो रहा था, उसी वक़्त भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर ठोस और सटीक एयरस्ट्राइक की.

    Operation Sindoor foriegn minister s jaishnakar react on attack
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    Operation Sindoor: आधी रात जब पूरा देश आराम की नींद सो रहा था, उसी वक़्त भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर ठोस और सटीक एयरस्ट्राइक की. इस हमले में करीब 70 आतंकवादी ढेर हुए, जिससे 22 अप्रैल को पहलगाम हमले का बदला मुकम्मल हुआ.

    S. जयशंकर का कड़ा संदेश

    ऑपरेशन के तुरंत बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिस पर केवल लिखा था—Operation Sindoor. उन्होंने कैप्शन में जोड़ा: “The world must show zero tolerance for terrorism. #OperationSindoor” यह संदेश न सिर्फ पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीतियों पर चोट था, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंक के विरुद्ध एकजुटता की अपील भी बन गया.

    कहां-कहां दर्ज हुई तबाही

    • मुरीदके और कोटली: जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया.
    • मुजफ़्फराबाद: लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों पर हमला हुआ.
    • बहावलपुर: जैश का गढ़ जामी मस्जिद सुभानअल्लाह पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया.
    • कराची के पास भी कुछ रणनीतिक धात्री केंद्रों को टारगेट किया गया.

    15 दिन का इंतज़ार, करारा जवाब

    पहलगाम में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की शहादत के ठीक 15 दिन बाद यह एयरस्ट्राइक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस अभियान का नाम सुझाया था. जिसमें “सिंदूर” उस समर्पण का प्रतीक बना, जिसे आतंकियों ने निर्दोष विवाहित महिलाओं से छीना था.

    त्वरित पुष्टि और उच्चस्तरीय निगरानी

    • DG-ISPR ने कोटली, मुरीदके, बहावलपुर व अन्य सात केंद्रों पर हमलों की जानकारी दी.
    • प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन की पूरी प्रक्रिया पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखी.
    • सरकार ने भरोसा दिलाया कि मिज़ाइल स्ट्राइक केवल आतंकियों को लक्षित थीं. कोई नागरिक या सैन्य ढांचा अछूता रहा.

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित कर दिया कि भारत अब आतंक को किसी भी सीमा के भीतर नहीं बख्शेगा. इस कार्रवाई ने न केवल आतंकवादियों को भारी क्षति पहुंचाई, बल्कि विश्व समुदाय को भी यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना ही एकमात्र विकल्प है.

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