नई दिल्ली: भारत में ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप्स की बढ़ती लोकप्रियता अब कानूनी जांच के दायरे में आ गई है. डॉ. केए पॉल नामक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स को प्रतिबंधित करने की अपील की है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह केवल गेम नहीं, बल्कि युवाओं को जुए की लत में धकेलने वाला जाल है.
"गॉड ऑफ क्रिकेट तक कर रहे हैं प्रचार"
याचिका में विशेष रूप से इस बात का ज़िक्र किया गया है कि देश के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी, यहां तक कि "गॉड ऑफ क्रिकेट" भी इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं, जिससे युवाओं पर गलत असर पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की कि टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इनका प्रमोशन तत्काल बंद हो.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को भेजा नोटिस
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता से कहा, "जो संतोष आपको इस प्रयास से मिला होगा, वह सराहनीय है." कोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए देश के सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है.
भारत बना दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग बाजार
भारत में ऑनलाइन गेमिंग तेजी से बढ़ रहा है. ड्रीम11, एमपीएल, विनजो और जुपी जैसे रियल मनी ऐप्स करोड़ों यूज़र्स को आकर्षित कर रहे हैं. 400 मिलियन से अधिक गेमर्स के साथ भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग हब बन चुका है. सरकार ने 2022 से 2024 के बीच 1,298 ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग साइट्स को ब्लॉक किया है. हालांकि अब इस क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट का दखल अहम मोड़ साबित हो सकता है.
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