23 गवाह, अश्लील वीडियो, 123 सबूत, 2000 पन्नों की चार्जशीट... प्रज्वल रेवन्ना रेप केस की इनसाइड स्टोरी

    कर्नाटक की राजनीति में लंबे समय तक प्रभावशाली माने जाने वाले परिवार के सदस्य और पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना अब कानून के कठघरे में दोषी साबित हो चुके हैं.

    The inside story of the Prajwal Revanna rape case
    Image Source: ANI

    बेंगलुरु: कर्नाटक की राजनीति में लंबे समय तक प्रभावशाली माने जाने वाले परिवार के सदस्य और पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना अब कानून के कठघरे में दोषी साबित हो चुके हैं. मैसूरु की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव्स विशेष अदालत ने घरेलू सहायिका के बलात्कार मामले में उन्हें दोषी करार दिया है. इस फैसले की अहमियत सिर्फ इस बात में नहीं है कि वह एक पूर्व सांसद के खिलाफ आया है, बल्कि यह भी कि न्याय प्रक्रिया ने आश्चर्यजनक गति से काम करते हुए महज 14 महीनों में ट्रायल पूरा कर लिया.

    अब सबकी निगाहें शनिवार को घोषित की जाने वाली सजा पर टिकी हैं, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने एक बात तो स्पष्ट कर दी है, भारत की न्यायिक व्यवस्था यदि निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से काम करे, तो राजनीतिक रसूख और प्रभाव कानून के सामने कोई मायने नहीं रखते.

    शिकायत से अदालत के फैसले तक

    यह मामला 48 वर्षीय एक महिला से जुड़ा है, जो हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित गन्निकाडा फार्महाउस पर घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी. पीड़िता के मुताबिक, 2021 में उसके साथ दो बार बलात्कार किया गया और आरोपी ने इस कृत्य की मोबाइल से रिकॉर्डिंग भी की. यह महज एक अपराध नहीं था, बल्कि पीड़िता की गरिमा और मानसिक शांति पर किया गया क्रूर आक्रमण था.

    महिला ने हिम्मत दिखाते हुए यह मामला दर्ज कराया और केस के दौरान एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में अपनी साड़ी अदालत को सौंपी, जिसे उसने घटनास्थल से बचाकर रखा था. फोरेंसिक रिपोर्ट में साड़ी पर सीमेन के अंश पाए गए, जो इस केस की जांच और न्याय में निर्णायक भूमिका में साबित हुए.

    CID की SIT ने निभाई अहम भूमिका

    इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच को लेकर सरकार ने CID की एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया, जिसकी अगुवाई इंस्पेक्टर शोभा ने की. यह टीम बेहद व्यवस्थित ढंग से मामले की तह तक पहुँची. जांच के दौरान 123 ठोस सबूत जुटाए गए और लगभग 2,000 पन्नों की चार्जशीट तैयार कर अदालत में दाखिल की गई.

    31 दिसंबर 2024 से केस की सुनवाई शुरू हुई, और अगले सात महीनों में अदालत ने 23 गवाहों के बयान दर्ज किए. इसमें फोरेंसिक रिपोर्ट्स, डिजिटल सबूत जैसे कि वीडियो क्लिप्स और टेक्स्ट मैसेजेज की गहन पड़ताल की गई. SIT की जांच ने केस को एक ठोस आधार दिया, जिससे अदालत को त्वरित और निष्पक्ष निर्णय लेने में सहायता मिली.

    SIT की जांच में सामने आए तथ्य:

    • प्रज्वल पर 50 से अधिक महिलाओं से यौन शोषण का आरोप.
    • पीड़ित महिलाओं की उम्र 22 से 61 साल तक.
    • लगभग 12 मामलों में सीधे तौर पर रेप की पुष्टि हुई.
    • अन्य मामलों में प्रलोभन देकर यौन संबंध बनाने के प्रयास किए गए.
    • कई महिलाओं को सरकारी नौकरी का लालच दिया गया – किसी को सब-इंस्पेक्टर, किसी को तहसीलदार, तो किसी को फूड डिपार्टमेंट में नियुक्ति का वादा.

    सोशल मीडिया पर 2,000 से अधिक अश्लील वीडियो सामने आए जिनमें पीड़ित महिलाओं की पहचान भी उजागर थी.

    कर्नाटक सेक्स स्कैंडल: कैसे उजागर हुआ?

    इस कांड का खुलासा तब हुआ जब 26 अप्रैल 2024 को बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थानों पर कई पेन ड्राइव बरामद की गईं. इन ड्राइव्स में हजारों अश्लील वीडियो क्लिप्स थीं, जिनमें रेवन्ना को महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया.

    जांच एजेंसियों का मानना है कि ये वीडियो प्रज्वल द्वारा खुद रिकॉर्ड किए गए थे, जिनका उपयोग महिलाओं को धमकाने और चुप रखने के लिए किया गया.

    राज्य सरकार ने मामला गंभीर होता देख विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जिसने अब तक 4 एफआईआर दर्ज की हैं.

    भावनात्मक रूप से टूटे नजर आए रेवन्ना

    अदालत में जब फैसला सुनाया गया, तो प्रज्वल रेवन्ना visibly भावुक हो गए. कोर्ट से बाहर निकलते वक्त वह रोते हुए देखे गए. यह क्षण दर्शाता है कि कैसे एक सशक्त राजनीतिक व्यक्ति, जब कानून के दायरे में आता है, तो उसका आत्मविश्वास भी डगमगा सकता है.

    राजनीतिक पृष्ठभूमि और विवादों में उलझा चेहरा

    प्रज्वल रेवन्ना का नाम महज एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते के रूप में भी पहचाना जाता है. उनके खिलाफ लगे ये गंभीर आरोप तब सुर्खियों में आए, जब अप्रैल 2024 में हासन में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले उनके नाम से जुड़े अश्लील वीडियो सामने आए. इसके बाद यह मामला तेजी से राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बन गया.

    वीडियो सामने आने के बाद 31 मई 2024 को रेवन्ना को जर्मनी से बेंगलुरु लौटते वक्त गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी हासन के होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज एक पुराने मामले के तहत हुई थी. इसके बाद से उन्हें अलग-अलग मामलों में घसीटा गया और चार विभिन्न मामलों की जांच SIT कर रही है.

    ये भी पढ़ें- भारत ने अमेरिका को दिया 25% टैरिफ का जवाब, नहीं खरीदेगा F-35 फाइटर जेट, जानें क्या होगा इसका असर?