यरुशलम/गाजा: इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी टकराव के बीच अब गाजा सिटी में हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को यरुशलम में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान बताया कि अब तक लगभग एक लाख लोग गाजा सिटी छोड़ चुके हैं. यह दावा ऐसे समय आया है जब इजराइली सेना ने हाल ही में नागरिकों से शहर खाली करने की अपील की थी, जो अब एक बड़े सैन्य अभियान की ओर इशारा कर रही है.
IDF ने आसमान से गिराए पर्चे, शहर छोड़ने को कहा
इजराइली रक्षा बलों (IDF) ने शनिवार को गाजा सिटी के ऊपर से हजारों पर्चे गिराए, जिनमें नागरिकों से आग्रह किया गया कि वे तत्काल शहर छोड़कर दक्षिणी गाजा स्थित मानवीय क्षेत्रों की ओर चले जाएं. इन पर्चों में गाजा सिटी को "युद्ध क्षेत्र" घोषित करते हुए चेतावनी दी गई थी कि इलाके में अब बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू की जाएगी.
सेना ने यह भी बताया कि इन इलाकों में अस्थायी अस्पताल, पानी, भोजन और टेंट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, और लोगों को सुरक्षित मार्गों से गाड़ियों के माध्यम से पलायन की अनुमति दी जाएगी.
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियों ने इजराइल की इस एकतरफा घोषणा पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि इस "मानवीय ज़ोन" में उनकी कोई भागीदारी नहीं है.
मानव ढाल के तौर पर नागरिकों का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दावा किया कि हमास लोगों को जबरन गाजा सिटी में रोक रहा है, ताकि उन्हें मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके. उनके अनुसार, आतंकवादी संगठन ने महिलाओं और बच्चों तक को गोली मारने की कोशिश की, ताकि वे पलायन न कर सकें.
इजराइली सरकार का कहना है कि उनका उद्देश्य केवल हमास के आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना है, लेकिन हमास की रणनीति जानबूझकर नागरिक इलाकों में छिपने की है, जिससे IDF की कार्रवाई और जटिल हो जाती है.
UN की चेतावनी: पलायन से बढ़ेगा मानवीय संकट
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, अब भी गाजा सिटी में लगभग 10 लाख नागरिक मौजूद हैं. संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर पलायन से गाजा में भयंकर मानवीय संकट उत्पन्न हो सकता है.
राहत एजेंसियों के मुताबिक, पहले से ही गाजा में भोजन, ईंधन, दवाओं और पानी की गंभीर कमी है, और अब इस नए विस्थापन से हालात और बिगड़ सकते हैं.
गाजा सिटी को कब्जे में लेने की योजना
गाजा सिटी पर सैन्य कब्जे की योजना इजराइली कैबिनेट ने अगस्त 2025 में मंजूर की थी. इस रणनीतिक अभियान को "गिदोन’स चेरिएट्स-बी" नाम दिया गया है. इसका उद्देश्य गाजा में हमास के अंतिम गढ़ को खत्म करना और बंधकों को मुक्त कराना है.
इस ऑपरेशन के तहत करीब 1.30 लाख सैनिकों को तैनात किया जाएगा. इनमें से 60 हजार रिजर्व सैनिकों को विशेष तौर पर ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है. सैनिकों को तीन चरणों में तैनात किया जाएगा:
इसके अलावा हजारों रिजर्व सैनिकों की सेवा अवधि को 30–40 दिनों तक बढ़ा दिया गया है.
IDF की ताकत: पाँच डिवीज़न, बारह ब्रिगेड
इस सैन्य अभियान में पाँच प्रमुख डिवीज़न और बारह ब्रिगेड स्तर की यूनिट्स शामिल की गई हैं. इनमें शामिल हैं:
साथ ही गाजा क्षेत्र की दो प्रमुख ब्रिगेड- नॉर्थ ब्रिगेड और साउथ ब्रिगेड भी इस अभियान में हिस्सा ले रही हैं.
गाजा के 75% हिस्से पर इजराइल का नियंत्रण
IDF का दावा है कि गाजा पट्टी का लगभग 75% क्षेत्र अब इजराइली सेना के नियंत्रण में है. हालांकि, गाजा सिटी अभी भी उस 25% हिस्से में आता है, जहां इजराइल को पूरी तरह नियंत्रण नहीं मिला है.
इसी इलाके में हमास के कब्जे में रखे गए बंधकों की मौजूदगी की आशंका जताई जा रही है. IDF के अनुसार, हमास के पास अभी भी करीब 50 बंधक हैं, जिनमें से अनुमानित 20 जीवित हैं, जबकि 28 के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
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