नेतन्याहू को ट्रंप की जरूरत नहीं! अमेरिका के बिना भी ईरान के परमाणु ठिकानों को भेद सकता है इजरायल; PM का दावा

    इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अचानक अपने सुर बदल लिए हैं. उन्होंने कहा है कि ईरान में सत्ता परिवर्तन इजरायल का मकसद नहीं है.

    Netanyahu donot need Trump Israel can destroy Iran nuclear sites
    नेतन्याहू | Photo: X

    ईरान और इजरायल के बीच जारी टकराव के बीच एक दिलचस्प मोड़ देखने को मिला है. अब तक लगातार ईरानी सरकार को चुनौती देने वाले इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अचानक अपने सुर बदल लिए हैं. उन्होंने कहा है कि ईरान में सत्ता परिवर्तन इजरायल का मकसद नहीं है — यह ईरानी जनता का विषय है. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर यह जंग सत्ता में बदलाव का कारण बनती है, तो इसे रोका नहीं जा सकता.

    अब विरोध नहीं, 'यह उनका अंदरूनी मामला है': नेतन्याहू

    पब्लिक ब्रॉडकास्टर 'Kan' को दिए इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा, "ईरान में शासन का भविष्य तय करना ईरानी लोगों का अधिकार है, न कि इजरायल का मिशन." ये वही नेतन्याहू हैं जिन्होंने बीते सप्ताह तक ईरानी जनता से सड़कों पर उतरने की अपील की थी, लेकिन अब लगता है कि उन्हें जमीनी हालात का अंदाज़ा हो गया है — क्योंकि ईरान में न तो प्रदर्शन हुए और न ही सरकार को कोई अंदरूनी चुनौती दिख रही है.

    इजरायली कैबिनेट में भी नहीं बनी सत्ता बदलाव की नीति

    इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी इस बयान की पुष्टि की और कहा कि सरकार ने फिलहाल ऐसा कोई एजेंडा तय नहीं किया है. इसका मतलब है कि अब इजरायल की प्राथमिकता सीधे सैन्य कार्रवाई पर है, न कि शासन परिवर्तन जैसे जटिल मामलों पर.

    परमाणु ठिकानों पर हमले का इरादा बरकरार

    नेतन्याहू ने यह भी साफ किया कि भले ही अमेरिका इस कार्रवाई में उनका साथ दे या नहीं, इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों को खत्म करने के लिए तैयार है. उन्होंने फोर्डो जैसे भूमिगत ठिकानों पर हमले की संभावना से भी इंकार नहीं किया. "हम अपने मिशन में सफल होंगे, चाहे हमें अकेले क्यों न जाना पड़े," उन्होंने Kan चैनल से कहा.

    रक्षा मंत्री का सख्त बयान: 'खामेनेई अब जीवित रहने योग्य नहीं'

    नेतन्याहू के नरम रुख के उलट, इजरायली रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ का बयान काफी कठोर था. उन्होंने सीधे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को अस्पताल पर हुए मिसाइल हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया और उन्हें "अब जीवित रहने योग्य नहीं" बताया. उन्होंने कहा कि इजरायली सेना को तेहरान समेत रणनीतिक ठिकानों पर बड़े हमले का आदेश दे दिया गया है.

    खामेनेई का पलटवार: ‘अमेरिका की मौजूदगी, इजरायल की कमजोरी’

    दूसरी ओर, ईरानी सर्वोच्च नेता खामेनेई ने अमेरिका की संभावित सैन्य कार्रवाई को इजरायल की असफलता बताया है. उन्होंने कहा, “वाशिंगटन और तेल अवीव की गतिविधियां दिखाती हैं कि इजरायली रणनीति विफल हो रही है.” ईरान ने देशभर में इंटरनेट बंद कर रखा है, जिससे जानकारी मिलना मुश्किल हो गया है.

    जमीनी हालात गंभीर, लेकिन नियंत्रण में नहीं

    इजरायल ने अब तक ईरान के इस्फहान, नतांज, तेहरान और रश्त जैसे कई रणनीतिक ठिकानों पर हमले किए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों से ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को खासा नुकसान पहुंचा है. हालांकि, इन आक्रामक हमलों के बावजूद इजरायल ईरान की जवाबी कार्रवाई को रोकने में विफल रहा है.

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