जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को आंध्र प्रदेश के अमरावती पहुंचे, जहां राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश ने देश की सुरक्षा को लेकर सशक्त संदेश दिया. इस दौरान मंच से 'नमो मिसाइल' की चर्चा भी सुनाई दी, जिससे यह साफ हो गया कि भारत अब किसी भी हालात में पीछे हटने वाला नहीं है.
पीएम मोदी दुखी लेकिन संकल्पित
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और पहली बार उन्हें इतने दुखी स्वर में सुना. नायडू ने कहा, “हमेशा मुस्कुराते रहने वाले पीएम मोदी बेहद गंभीर और भावुक दिखे, लेकिन उनके भीतर का जज़्बा कम नहीं हुआ। देश उनके लिए हमेशा सबसे पहले रहा है.
'नमो मिसाइल' से पाकिस्तान को चेतावनी
राज्य सरकार में मंत्री और नायडू के बेटे नारा लोकेश ने मंच से तीखा संदेश दिया. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने सीमा पार कर मासूमों पर हमला कर बहुत बड़ी गलती की है. एक नहीं, सौ पाकिस्तान भी अगर साथ आ जाएं, तब भी हमारी धरती की घास नहीं उखाड़ सकते. ऐसे दुश्मनों के लिए हमारे पास एक ही समाधान है. नमो मिसाइल. शेर से खेलोगे तो ऐसा पंजा मारेगा कि पाकिस्तान का नाम नक्शे से मिट जाएगा.”
सेना में घबराहट, अफसर छुट्टी पर – लोकेश का दावा
नारा लोकेश ने दावा किया कि भारतीय जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान की सेना में खलबली मच गई है. कुछ अफसरों ने इस्तीफा दे दिया है, तो कुछ छुट्टियों पर चले गए हैं. यह नमो का प्रभाव है.
Amravati | Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu says, "Despite being deeply saddened by the recent terrorist attack in Pahalgam, PM Modi still attended today’s event, which reflects his unwavering commitment. We fully support him in taking strong decisions to combat terrorism." pic.twitter.com/HgQgqcN6IA
— ANI (@ANI) May 2, 2025
नायडू ने फिर से जताया समर्थन
मुख्यमंत्री नायडू ने मंच से स्पष्ट कहा कि वे पीएम मोदी के हर सख्त फैसले का समर्थन करते हैं. “आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की जरूरत है और इसमें आंध्र प्रदेश सरकार पूरी तरह से केंद्र के साथ खड़ी है.
अमरावती के विकास की नई शुरुआत
पीएम मोदी के दौरे के दौरान अमरावती के विकास कार्यों की पुनः शुरुआत भी की गई. नायडू ने याद दिलाया कि 2014 में इसी प्रधानमंत्री ने अमरावती को राजधानी के रूप में आधारशिला दी थी, लेकिन पिछले वर्षों में इसके विकास की उपेक्षा हुई. “अब फिर से अमरावती का सपना साकार होने जा रहा है.