'अब बड़ा खुलासा करने का टाइम...' मस्क ने ट्रंप के खिलाफ यौन-शोषण वाली पोस्ट डिलीट की, देखें क्या था?

    अमेरिका की राजनीति और टेक्नोलॉजी जगत की दो सबसे प्रभावशाली हस्तियों, इलॉन मस्क और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बीते गुरुवार को एक सनसनीखेज ट्विटर झड़प देखने को मिली.

    Musk deletes sexual abuse post against Trump
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका की राजनीति और टेक्नोलॉजी जगत की दो सबसे प्रभावशाली हस्तियों, इलॉन मस्क और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बीते गुरुवार को एक सनसनीखेज ट्विटर झड़प देखने को मिली. विवाद की जड़ बना जेफरी एप्स्टीन केस, जिसने पहले भी दुनिया की कई हाई-प्रोफाइल शख्सियतों को कटघरे में खड़ा किया है.

    इलॉन मस्क का सनसनीखेज दावा

    टेस्ला और एक्स (पूर्व ट्विटर) के मालिक इलॉन मस्क ने गुरुवार को एक पोस्ट में दावा किया कि ट्रंप का नाम एप्स्टीन से जुड़ी गोपनीय फाइलों में दर्ज है. उन्होंने कहा, "अब वक्त आ गया है कि एप्स्टीन फाइलें सार्वजनिक हों. डोनाल्ड ट्रंप का नाम उनमें है, इसलिए इन्हें छुपाया गया है." हालांकि, यह पोस्ट कुछ ही घंटों में हटा दी गई, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया.

    एक अन्य पोस्ट में मस्क ने लिखा था, "इस ट्वीट को सेव कर लें, बहुत कुछ सामने आने वाला है." इस बयान से संकेत मिला कि मस्क एप्स्टीन केस से जुड़े बड़े खुलासे की तैयारी कर रहे हैं.

    मस्क ने वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें एप्स्टीन के साथ ट्रंप पार्टी में दिखे.

    एप्स्टीन केस: एक काली गाथा

    जेफरी एप्स्टीन, एक अरबपति फाइनेंसर, पहली बार 2006 में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. बाद में उसे मामूली सजा देकर छोड़ दिया गया, लेकिन 2019 में फिर से गिरफ्तार होने के बाद उसकी जेल में मौत हो गई. यह मौत आत्महत्या बताई गई, लेकिन इसे लेकर तमाम साजिश के सिद्धांत भी सामने आए.

    एप्स्टीन की मौत के बाद से ही उसकी कथित 'ब्लैक बुक' को लेकर चर्चाएं हैं, जिसमें विश्व की नामी-गिरामी हस्तियों के नाम दर्ज बताए गए हैं. इनमें पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू, माइकल जैक्सन और अन्य प्रमुख लोगों के नाम शामिल हैं.

    ट्रंप और मस्क की बहस की जड़:

    इलॉन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप की हालिया बहस की शुरुआत 'ब्यूटीफुल बिल' नामक एक टैक्स और खर्च बिल से हुई थी. ट्रंप ने मस्क पर आरोप लगाया कि उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्यता पर सरकार का समर्थन कर व्यापारिक हित साधे हैं.

    इसके जवाब में मस्क ने ट्रंप को 'एहसान फरामोश' बताया और कहा कि अगर वो 2016 में ट्रंप का समर्थन नहीं करते, तो ट्रंप चुनाव हार जाते. इस पर ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पलटवार करते हुए कहा कि मस्क अब सिर्फ अपनी सब्सिडी की चिंता कर रहे हैं.

    अब चुप क्यों हैं मस्क?

    एप्स्टीन पर किए गए ट्वीट्स हटाने के पीछे मस्क की क्या मंशा थी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. क्या उन्हें किसी कानूनी दबाव का सामना करना पड़ा या रणनीतिक चुप्पी अख्तियार की गई, यह सवाल अब भी बना हुआ है.

    मस्क और ट्रंप दोनों ही अमेरिका में भारी प्रभाव रखने वाली हस्तियां हैं. इस पब्लिक फेस-ऑफ ने न केवल एप्स्टीन केस को फिर से चर्चा में ला दिया है, बल्कि राजनीति और बिजनेस जगत के जटिल संबंधों को भी उजागर किया है.

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