Pahalgam Attack: पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में एक अहम मोड़ उजागर किया है, जिससे यह साफ होता जा रहा है कि हमले के पीछे की साजिश कितनी गहरी और संगठित थी.
अल उमर मुजाहिदीन और मुश्ताक अहमद जरगर का नाम आया सामने
जांच एजेंसी के अनुसार, प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल उमर मुजाहिदीन की इस हमले में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. खास बात यह है कि इस संगठन का सरगना मुश्ताक अहमद जरगर वही शख्स है, जिसे वर्ष 1999 के कंधार हाईजैक के दौरान भारत सरकार ने मसूद अजहर के साथ रिहा किया था. वर्तमान में जरगर पाकिस्तान में रह रहा है, लेकिन उसकी जड़ें आज भी श्रीनगर और आसपास के इलाकों में फैली हुई हैं.
ओवर ग्राउंड वर्कर्स की भूमिका भी उजागर
NIA ने बताया कि पहलगाम हमले को अंजाम देने में अल उमर मुजाहिदीन के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) ने सक्रिय भूमिका निभाई. जांच में गिरफ्तार OGWs से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं, जिनसे जरगर के नेटवर्क की स्थानीय सक्रियता का पता चला है. बताया जा रहा है कि जरगर के निर्देश पर ही इन वर्कर्स ने आतंकियों को रसद, पनाह और मार्गदर्शन मुहैया कराया.
जरगर की संपत्ति हो चुकी है कुर्क
जरगर और उसके संगठन पर भारत सरकार पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है. 2023 में NIA ने उसकी श्रीनगर स्थित संपत्ति को कुर्क किया था. एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि भले ही जरगर पाकिस्तान में है, लेकिन वह अपने पुराने संपर्कों और कट्टर समर्थकों के जरिए घाटी में आतंक फैलाने की साजिशें रच रहा है.
NIA की व्यापक कार्रवाई जारी
पहलगाम हमले के बाद से कश्मीर घाटी में 100 से अधिक OGWs के ठिकानों पर छापेमारी की गई है. इसमें से 90 से ज्यादा ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं. जांच एजेंसी लोकल इंटेलिजेंस की मदद से पहलगाम और उसके आस-पास के संदिग्ध स्थानों पर लगातार नजर बनाए हुए है और इनपुट को विकसित कर रही है.
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