Muhummad Yunus Resignation: बांग्लादेश में वर्तमान राजनीतिक संकट के बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की चर्चाएं तेज हो गई हैं. यूनुस, जो अब तक खुद को एक निर्णायक और सख्त प्रशासक के तौर पर प्रस्तुत करते आए हैं, अब राजनीतिक दलों की आपसी सहमति की कमी का हवाला देते हुए इस्तीफे पर विचार कर रहे हैं.
उनका कहना है कि जिस माहौल में उन्हें काम करने का प्रयास करना पड़ रहा है, वह उनकी कार्यशैली और सिद्धांतों के अनुकूल नहीं है. यूनुस के मुताबिक, जब तक सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर समाधान नहीं निकालते, तब तक वह प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते.
NCP चीफ से मुलाकात के बाद लिया फैसला
नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के चीफ निहिद इस्लाम के अनुसार, उन्होंने यूनुस से मुलाकात कर इस्तीफे की खबर की पुष्टि की है. यूनुस ने खुद भी स्वीकार किया कि वह इस निर्णय पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि मौजूदा स्थिति में उन्हें सीमित कर दिया गया है. यह बयान ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश का भविष्य एक निर्वाचित सरकार ही तय करेगी और दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की बात कही है.
सेना का चला युनूस पर चाबुक
सेना की इस सख्ती और राजनीतिक असहमति के चलते यूनुस की स्थिति बेहद कठिन हो गई है. विश्लेषकों का मानना है कि यूनुस अपने पद को लेकर दबाव में हैं और अब 'इमोशनल ब्लैकमेल' की रणनीति अपना रहे हैं, ताकि जनता की सहानुभूति प्राप्त कर सकें. आलोचक यह भी कह रहे हैं कि यूनुस बांग्लादेश को एक ऐसी दिशा में ले जाना चाहते हैं जहां उनका एकछत्र शासन स्थापित हो, लेकिन सेना और लोकतांत्रिक संस्थाएं अब इसके विरुद्ध खड़ी हो गई हैं. स्थिति जितनी राजनीतिक है, उतनी ही संवेदनशील भी. यदि यूनुस सच में इस्तीफा देते हैं, तो बांग्लादेश में एक बड़ा राजनीतिक मोड़ आ सकता है, जो आने वाले समय में देश की दिशा तय करेगा.
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