बंद करो ये ढोंग! आतंकिस्तान को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिया कड़ा संदेश

    S jaishankar on Pakistan: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर भूमिका पर कड़ा रुख अपनाया है. डच अखबार डे वोल्क्सक्रांट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब विश्व समुदाय को यह ढोंग बंद कर देना चाहिए कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं करता. 

    S jaishankar on Pakistan world should stop to say pakistan not involved in terrorism
    Image Source: ANI

    S jaishankar on Pakistan: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर भूमिका पर कड़ा रुख अपनाया है. डच अखबार डे वोल्क्सक्रांट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब विश्व समुदाय को यह ढोंग बंद कर देना चाहिए कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं करता. 

    जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की न केवल सरकार, बल्कि उसकी सेना भी आतंकवादी गतिविधियों में गहरे स्तर तक शामिल है. उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल कई दुर्दांत आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और उनकी गतिविधियां किसी से छिपी नहीं हैं. ऐसे में यह दावा करना कि पाकिस्तान इस सब में शामिल नहीं है, पूरी तरह से असत्य और भ्रामक है.


     भारत अब आतंकवाद का "निर्णायक अंत" चाहता है

    जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत अब आतंकवाद का "निर्णायक अंत" चाहता है. उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भले ही सैन्य कार्रवाई फिलहाल रोकी गई हो, लेकिन भारत की मंशा स्पष्ट है.

    उन्होंने कहा कि इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) नामक आतंकी संगठन ने ली थी, जो पाकिस्तान से संचालित होता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा तो की, लेकिन टीआरएफ का नाम तक नहीं लिया गया, जिसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पाकिस्तान और चीन के प्रभाव का नतीजा बताया जा रहा है.

    धार्मिक विद्वेष फैलाने की सोची-समझी साजिश थी 

    एस. जयशंकर ने यह भी कहा कि पहलगाम हमले का उद्देश्य सिर्फ पर्यटन को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि इसके पीछे धार्मिक विद्वेष फैलाने की सोची-समझी साजिश थी. उन्होंने बताया कि हमलावरों ने लोगों के पहचान पत्र देखकर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया, जिससे स्पष्ट होता है कि इस हमले के पीछे धार्मिक उन्माद को भड़काने की मंशा थी.

    उन्होंने चेताया कि अगर ऐसे कृत्यों को वैश्विक स्तर पर चुनौती नहीं दी गई, तो यह न सिर्फ क्षेत्रीय शांति बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी बड़ा खतरा बन सकते हैं. जयशंकर ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है.

    यह भी पढ़ें: अमेरिका में अधर में लटका 788 भारतीय छात्रों का भविष्य, ट्रंप के इस फैसले से नुकसान