अगर ईद पर पोस्ट किए ऐसे फोटो-वीडियो तो हो सकती है कार्रवाई, बकरीद को लेकर MP सरकार की एडवाइजरी

    Eid ul Azha 2025: ईद-उल-अजहा (बकरीद) के पावन अवसर को लेकर मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने राज्यभर की सभी मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मजारों और मदरसों के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी का उद्देश्य त्योहार को शांति, नियम और सामाजिक सद्भाव के साथ मनाना है.

    mp govt Advisory issued regarding Eid ul Azha
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    Eid ul Azha 2025: ईद-उल-अजहा (बकरीद) के पावन अवसर को लेकर मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने राज्यभर की सभी मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मजारों और मदरसों के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी का उद्देश्य त्योहार को शांति, नियम और सामाजिक सद्भाव के साथ मनाना है. वक्फ बोर्ड ने प्रदेश के 15,000 से अधिक धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों और समितियों से साफ शब्दों में कहा है कि बकरीद पर कुर्बानी और नमाज दोनों ही धार्मिक कार्य, पूरी जिम्मेदारी और कानूनी नियमों के दायरे में रहकर संपन्न होने चाहिए.

    सिर्फ निर्धारित स्थलों पर हो नमाज

    एडवाइजरी में विशेष रूप से यह कहा गया है कि ईद की नमाज केवल ईदगाह या मस्जिद परिसरों के अंदर ही अदा की जाए. सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने से बचा जाए. अगर नमाज के लिए जगह कम पड़ जाए, तो स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेकर वैकल्पिक स्थान का चयन किया जाए. इससे यातायात और आमजन की गतिविधियों पर कोई प्रभाव न पड़े और सौहार्द का वातावरण बना रहे.

    कुर्बानी के लिए सख्त दिशानिर्देश

    कुर्बानी के लिए वक्फ बोर्ड ने साफ निर्देश दिए हैं कि इसे बंद स्थान पर, टिन शेड या दीवारों से घिरी जगह में ही किया जाए. खुले में कुर्बानी करने से बचा जाए और पूरी प्रक्रिया साफ-सफाई और दवाइयों के छिड़काव के साथ की जाए. इसके अलावा, कुर्बानी के पशु के अपशिष्ट और अन्य अनुपयोगी चीजें नगर निगम द्वारा चिन्हित स्थानों पर ही फेंकी जाएं.

    सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने पर रोक

    बोर्ड ने सख्ती से हिदायत दी है कि कुर्बानी की प्रक्रिया का कोई वीडियो या ऑडियो सोशल मीडिया पर शेयर न किया जाए. इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है और सामाजिक तनाव का माहौल बन सकता है. साथ ही, प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी किसी भी हाल में न की जाए.

    जिला प्रशासन को भी निर्देश

    वक्फ बोर्ड ने राज्य के सभी कलेक्टर्स और जिला दंडाधिकारियों से अपील की है कि वे इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराएं और आमजन को समय रहते इनसे अवगत कराएं. यह सुनिश्चित किया जाए कि धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ कानून व्यवस्था भी बनी रहे.

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