मध्य प्रदेश के किसानों के लिए 13 नवंबर का दिन विशेष रूप से अहम रहा. पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त का इंतजार कर रहे किसानों को मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने एक नई सौगात दी. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सोयाबीन उत्पादकों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना की शुरुआत की और 1.33 लाख किसानों के खाते में 233 करोड़ रुपये की राशि भेजी. साथ ही, देवास जिले में हुए एक प्रमुख कार्यक्रम के दौरान 183.25 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया गया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा पर जवान और खेत में किसान, दोनों बराबर हैं. एक जान की बाजी लगाकर सीमा की रक्षा करता है, देश की सेवा करता है. वहीं, किसान भगवान सूर्य से आशीर्वाद लेकर लोगों की भूख मिटाने के लिए पसीने की एक-एक बूंद खेतों में बहाता है.
"आपकी मेहनत का पैसा, आपके खातों में"
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार ने भावांतर योजना में 9 लाख किसानों का पंजीयन कराया और आज 1 लाख 33 हजार से ज्यादा किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपये डाले जा रहे हैं. आपकी मेहनत का पैसा, आपके खातों में.
उन्होंने कहा कि न आपको ट्रैक्टर लाइन में लगाकर एमएसपी के लिए चक्कर लगाने की जरूरत, न कोई और परेशानी. सारी झंझट खत्म. आपने माल तुलवाया और आपका पैसा खाते में आया. हमने कहा था कि 15 दिन के अंदर आपके खाते में रुपये आएंगे और 13 तारीख को आपके खाते में रुपये आ गए. हर सात दिन बाद लगातार मॉडल रेट निर्धारित होगा और रुपये आपके पास आते रहेंगे.
"धान और गेहूं उत्पादक किसानों को भी मिला बोनस का लाभ"
सीएम मोहन यादव ने कहा कि भावांतर योजना के अंतर्गत 15 जनवरी तक सबकी फसल खरीदते हुए किसानों को पैसा देते जाएंगे. किसानों की नरवाई जलाने की समस्या को खत्म करने के लिए हमने सीएनजी प्लांट की योजना बनाई है. हम चाहते हैं कि किसानों के खातों में कचरे के भी पैसे आने चाहिए. राज्य सरकार ने मोटा अनाज खरीदने के लिए मंडला, बालाघाट, जबलपुर जैसे प्रदेश के 11 जिलों के किसानों को कोदो-कुटकी पर 1000 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया है. धान और गेहूं उत्पादक किसानों को भी बोनस का लाभ मिला है. चरणबद्ध रूप से गेहूं क कीमतें बढ़ाई जा रही है. किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए अनुदान का लाभ दिया जा रहा है.
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