मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन सिंह यादव ने हाल ही में स्पेन के मैड्रिड में आयोजित ‘Invest in MP Business Forum’ में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. इससे स्पष्ट होता है कि मध्यप्रदेश न सिर्फ भारत के “इनवेस्टमेंट डेस्टीनेशन” के रूप में उभर रहा है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को भी आकर्षित कर रहा है. आइए देखें, वीडियो कॉल पर कनेक्टिविटी से परे सरकार कैसे भौगोलिक और आर्थिक सीमाओं की दीवारें ढहा रही है.
सीएम यादव ने अपने संबोधन में भारत व स्पेन को “दो प्राचीन सभ्यताओं का साथ” बताया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की संस्कृति मूल्यों और नैतिकता से जुड़े हुए हैं. अब ये साझेदारी उद्योग, तकनीक और निवेश के क्षेत्र में भी विस्तार पा रही है. उन्होंने स्पेन के निवेशकों को उम्मीद दिलाई कि मध्यप्रदेश में निवेश का लोअर रिस्क और हाई रिटर्न विकल्प मौजूद है.
निवेशकों के लिए स्वर्णिम अवसर
मुख्यमंत्री ने बताया कि ख़ास क्षेत्रों में खनिज, पर्यटन, बड़ा उद्योग और फार्मा शामिल हैं, जहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं. साथ ही, सोलर – विंड एनर्जी, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में भी प्रदेश को “नेक्स्ट-Growth Hubs” में देखा जा रहा है. वहीं लॉजिस्टिक-इन्फ्रास्ट्रक्चर को देश के मध्य में केंद्रित कर, राज्य व्यापारिक रुट्स पर फोकस कर रहा है.
कनेक्टिविटी हो या लॉजिस्टिक फैसिलिटीज़
सीएम यादव ने जोर देकर कहा कि मध्यप्रदेश में इंटर्नल रोड नेटवर्क, नैशनल हाईवे और रेल – एयर कनेक्टिविटी मजबूत है. साथ ही, यह राज्य 24×7 ग्रीन एनर्जी उपलब्ध कराकर न्यू-एज इंडस्ट्रीज जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल और ब्रांडेड फूड्स के साथ-साथ आईटी और ड्रोन टेक्नोलॉजी को भी तेजी से लुभा रहा है. स्पेन और भारत के बीच 9.32 बिलियन डॉलर का ट्रेड चल रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश का योगदान 58.5 मिलियन यूरो तक है. राजदूत दिनेश कुमार पटनायक ने कहा कि राज्य सरकार के निवेश का लक्ष्य टेक और रिन्युएबल एनर्जी आधारित सेक्टर हैं.
पर्यटन, वेलनेस, एडवेंचर: तीसरी पीढ़ी का रतन
प्रीमियर विशेष सचिव, पर्यटन चंद्रमौली शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में 18 UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं, इनमें 2 ज्योतिर्लिंग और नर्मदा नदी जैसी आध्यात्मिक संपत्तियां शामिल हैं.
उन्होंने इंडस्ट्री वालों को हॉस्पिटैलिटी, वेलनेस और एडवेंचर टूरिज्म को बड़े स्तर पर विकसित करने का न्योता दिया. सीएम यादव ने कहा कि निवेशकों को 18 हाईटेक औद्योगिक और टेक्नोलॉजी नीतियां मिलेंगी, जो उन्हें कैपिटल रिटर्न की गारंटी और सब्सिडी-बेनिफिट्स भी देंगी. राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाना, मेडिकल टूरिज्म को गति देना, यह सब योजनाओं में शामिल हैं.
भारत का उभरता हुआ टेक हब
अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे ने मध्यप्रदेश को ‘न्यू टेक हब’ करार दिया. उन्होंने कहा कि यह भूमिका भोपाल–इंदौर जैसे शहरों ने निभानी शुरू कर दी है. राज्य में स्पेस टेक पॉलिसी, ड्रोन प्रमोशन, EV, सेमीकंडक्टर स्कीम लागू की जा रही हैं, जो आर्थिक विकास की क्रांति लाने वाली हैं.
उद्योग, कृषि, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी
एमपी आईडीसी - चंद्रमौली शुक्ला और जीएसपी विभाग के राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि श्रम सरकारी योजनाओं और संसाधनों की मिक्सडतम उपलब्धता, इसे भरोसेमंद निवेश स्थल बना रही है.
जनसंपर्क निदेशक डॉ. सुदाम खाड़े ने अपनी भूमिका को बताया कि ‘इनक्रेडिबल इंडिया’ के दिल – मध्यप्रदेश की पहचान अब वैश्विक फिलिंग तक फैली है.
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