बीजिंगः दुनिया भर में जब भी 'जासूसी' शब्द सुनाई देता है, तो आंखों के सामने जेम्स बॉन्ड जैसी फिक्शनल दुनिया या CIA जैसी असली एजेंसियां घूम जाती हैं. लेकिन असली खामोशी में एक ऐसा अजगर अपना फन फैला चुका है, जिसे दुनिया देर से पहचान रही है — चीन की Ministry of State Security (MSS).
एक समय था जब यह संस्था पर्दों के पीछे रहती थी, लेकिन अब यह ग्लोबल थ्रेट मैप पर सबसे आक्रामक नाम बन चुकी है. अमेरिका के प्रतिष्ठित खोजी शो ‘60 Minutes’ ने 18 मई को इसका खुलासा करते हुए इसे “दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सक्रिय जासूसी एजेंसी” कहा.
MSS: सिर्फ जासूसी नहीं, एक साइकोलॉजिकल ऑपरेशन
MSS अब सिर्फ जानकारी बटोरने वाली संस्था नहीं है — यह एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जो दुनिया के हर कोने में मौजूद है, और वहां के विश्वविद्यालयों, स्टार्टअप्स, लोकल गवर्नमेंट्स और प्रवासी समुदायों तक अपनी जड़ें जमा चुका है. इसका काम अब सिर्फ खुफिया जानकारी लाना नहीं है, बल्कि विदेशी माहौल में विचारधारा, तकनीक और सत्ता समीकरण को प्रभावित करना भी है.
अमेरिका नहीं, MSS का सबसे बड़ा दुश्मन है… चीन का ही नागरिक!
पूर्व अमेरिकी राजनयिक जिम लुईस ने CBS को बताया कि MSS की सबसे ज्यादा निगरानी चीन के अपने ही प्रवासी नागरिकों पर रहती है, खासकर उन पर जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों से असहमत हैं या लोकतांत्रिक विचार रखते हैं.
इसका मकसद है — उन्हें डराना, चुप कराना और किसी भी विरोधी लहर को देश के बाहर ही खत्म कर देना.
चीन की MSS: जासूसी के साथ-साथ टेक चोरी और नैरेटिव मैनेजमेंट
इस एजेंसी की ताकत सिर्फ सूचनाएं चुराना नहीं है. MSS विदेशी टेक्नोलॉजी चुराती है, नीतिगत एजेंडा सेट करती है, और लोकतांत्रिक देशों के राजनीतिक ढांचे में ‘डिजिटल ट्रोजन हॉर्स’ की तरह प्रवेश कर रही है. CBS की रिपोर्ट के अनुसार, MSS ने पश्चिमी देशों के शिक्षाविदों और व्यावसायिक जगत तक में अपने एजेंटों की घुसपैठ करवा दी है.
क्या CIA और MI6 भी कमजोर पड़ रहे हैं?
जहां CIA और MI6 अभी भी कानूनी दायरे में बंधी हैं, वहीं MSS अपने मिशनों में ज्यादा बेखौफ, ज्यादा आक्रामक और ज्यादा राजनीतिक है. जिम लुईस के मुताबिक, "MSS की संरचना CIA जैसी दिखती है, लेकिन इसमें अधिक अधिकार, अधिक संसाधन और अधिक आक्रामकता है." इसकी अनुमानित संख्या 6 लाख के आसपास बताई जाती है — यानी यह किसी छोटे देश की सेना जितनी बड़ी है.
MSS अब छिपती नहीं, दुनिया को डराती है
2022 में चेन यिक्सिन के नेतृत्व में MSS का चरित्र बदला है. यह अब सोशल मीडिया कैंपेन, प्रचार वीडियो और डिजिटल अभियानों के ज़रिए खुद को एक सुपर एजेंसी की तरह प्रस्तुत कर रही है. यह सिर्फ एजेंसी नहीं, एक "डर की डिप्लोमेसी" बन चुकी है.
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