Moradabad News: सोशल मीडिया, डिजिटल दोस्ती और बदलते सामाजिक परिवेश के इस दौर में मुरादाबाद जैसे शहर में एक चौंकाने वाला ट्रेंड सामने आया है. पिछले पांच महीनों में 50 से अधिक लड़कियां, जिनमें नाबालिग और बालिग दोनों शामिल हैं, फ्रेंडशिप या व्यक्तिगत कारणों के चलते अपने घरों से अचानक गायब हो गईं. इन मामलों को लेकर पुलिस थानों में गुमशुदगी और अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई है.
खुद छोड़ रही हैं घर की दहलीज
यह कोई साधारण आंकड़ा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संकेत है कि आज की पीढ़ी किस तरह मानसिक और भावनात्मक बदलावों से गुजर रही है. मुरादाबाद पुलिस के अनुसार, इन मामलों में अधिकतर लड़कियां अपनी मर्जी से घर से बाहर निकली हैं, जिनमें से कई को दोस्तों के साथ देखा गया है या बरामद भी किया गया है.
हर थाना बन गया केस स्टडी का हिस्सा
एसपी सिटी मुरादाबाद का कहना है कि जिले के प्रत्येक बड़े थाने में इस तरह के 5 से 10 केस दर्ज हैं. छोटे थानों में यह संख्या अपेक्षाकृत कम है, लेकिन चिंता की बात यह है कि यह सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. पुलिस के अनुसार, इन मामलों के पीछे व्यक्तिगत भावनात्मक असंतुलन, पढ़ाई या करियर को लेकर दबाव, पारिवारिक मतभेद और सोशल मीडिया या दोस्ती का आकर्षण है.
पुलिस की चुनौती बनी तलाश
कई मामलों में पुलिस ने लड़कियों को सकुशल बरामद कर लिया है, लेकिन अब भी कई केस ऐसे हैं जहां युवतियों का सुराग नहीं लग पाया है. मुरादाबाद पुलिस की टीमें लगातार तलाश और जांच में जुटी हैं, लेकिन यह बात साफ है कि यह सिर्फ एक कानून-व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है.
"अपने बच्चों से बात करते रहें"
एसपी सिटी का कहना है कि इन केसेस में हमारी प्राथमिकता रिकवरी होती है, कई केसेस में बरामदी के बाद चार्जशीट एवं फाइनल रिपोर्ट भी लग चुकी है. एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि हर थाने की महिला टीम है, वो ध्यान रखती है कि ज्यादातर लड़कियों को जल्द रिकवर कर लिया जाए. लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है. वह अपने बच्चों से बात करते रहें. उनकी समस्याओं को अनदेखा न करें.
ये भी पढ़ें: सुहागरात पर दूल्हे ने दूल्हन को कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर पिला दी ये चीज, 5 दिन में ही टूट गई शादी