वाशिंगटन में हिंसा के बीच मिलिट्री परेड और ट्रंप के जन्मदिन का आयोजन, हर जगह विरोध प्रदर्शन की तैयारी

    लॉस एंजिलिस की सड़कों पर पिछले आठ दिनों से जारी उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को वाशिंगटन डीसी में एक ऐतिहासिक मिलिट्री परेड का आयोजन किया जा रहा है.

    Military parade and Trump's birthday organized in Washington
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    वाशिंगटन डीसी: अमेरिका में इन दिनों जश्न और विरोध दोनों एक साथ अपनी चरम सीमा पर हैं. लॉस एंजिलिस की सड़कों पर पिछले आठ दिनों से जारी उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को वाशिंगटन डीसी में एक ऐतिहासिक मिलिट्री परेड का आयोजन किया जा रहा है. खास बात यह है कि यह आयोजन अमेरिका के 250वें मिलिट्री एनिवर्सरी के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 79वें जन्मदिन के दिन हो रहा है, जिससे माहौल और ज्यादा राजनीतिक रूप से गर्म हो गया है.

    2 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद

    शाम 6:30 बजे शुरू होने वाली इस 90 मिनट की विशाल मिलिट्री परेड में 6,700 सैनिक, 128 सैन्य वाहन, 62 विमान और टैंकों का प्रदर्शन किया जाएगा. ट्रंप प्रशासन ने इस परेड को ‘अमेरिकी शक्ति, गौरव और बलिदान’ का प्रतीक बताया है. आयोजन में अनुमानित खर्च 25 से 45 मिलियन डॉलर (लगभग 210 से 380 करोड़ रुपये) के बीच है.

    यह 34 साल बाद वाशिंगटन में इतने बड़े पैमाने पर कोई मिलिट्री परेड हो रही है. पिछली बार 1991 में 'डेजर्ट स्टॉर्म' की सफलता के बाद ऐसा आयोजन हुआ था. हालांकि इस परेड के चलते वाशिंगटन शहर की कई प्रमुख सड़कें चार दिनों के लिए बंद कर दी गई हैं, जिससे ट्रैफिक और आवागमन बुरी तरह प्रभावित है. रोनाल्ड रीगन एयरपोर्ट पर भी कुछ समय के लिए उड़ानें रोक दी गई हैं.

    नो किंग्स आंदोलन: अमेरिका में हजारों प्रदर्शन

    ट्रंप के जन्मदिन और मिलिट्री परेड के विरोध में देशभर में ‘नो किंग्स’ नाम का जनांदोलन तेज हो गया है. यह प्रदर्शन राष्ट्रपति ट्रंप की कथित तानाशाही नीतियों और आव्रजन पर सख्त रुख के खिलाफ है. आंदोलन का स्पष्ट संदेश है: "अमेरिका किसी एक व्यक्ति का नहीं है, यह सभी अमेरिकियों का है."

    शनिवार को अमेरिका के करीब 2,000 शहरों और कस्बों में ‘नो किंग्स’ प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे. सबसे बड़ा प्रदर्शन फिलाडेल्फिया में होगा, जबकि शिकागो, न्यूयॉर्क और एंकोरेज जैसे शहरों में भी बड़ी भीड़ जुटने की उम्मीद है.

    हालांकि वाशिंगटन डीसी में परेड स्थल के आसपास कड़ी सुरक्षा के चलते किसी बड़े प्रदर्शन की संभावना कम है. न्यूयॉर्क में पहले ही प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो चुकी है, जिसमें पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया. वहीं, स्पोकेन शहर में 30 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.

    ट्रंप की चेतावनी: सैन्य बल का इस्तेमाल करुंगा

    राष्ट्रपति ट्रंप ने विरोध प्रदर्शनों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर लॉस एंजिलिस या अन्य शहरों में हिंसा और अराजकता बढ़ी तो वे ‘इंसरेक्शन एक्ट’ लागू कर सकते हैं, जिसके तहत घरेलू हिंसा से निपटने के लिए सेना तैनात की जा सकती है.

    इसके अलावा ट्रंप ने वाशिंगटन में होने वाले परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों को भी स्पष्ट चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उनके मुताबिक, अगर कोई अराजकता फैलाने की कोशिश करता है तो अमेरिकी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी.

    प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

    लॉस एंजिलिस में बीते आठ दिनों से चल रहे प्रदर्शनों की शुरुआत अमेरिका की आव्रजन नीतियों और अवैध प्रवासियों के खिलाफ जारी सख्त कार्रवाइयों के विरोध से हुई थी. लेकिन अब यह आंदोलन ट्रंप प्रशासन की व्यापक नीतियों और ‘तानाशाही रवैये’ के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर बदल चुका है.

    टकराव का संदेश

    ट्रंप का जन्मदिन, सेना की शक्ति का प्रदर्शन और व्यापक विरोध—यह अमेरिकी राजनीति में एक बेहद असहज और विभाजक क्षण बन चुका है. एक तरफ ट्रंप समर्थक देशभक्ति और सैन्य गौरव का जश्न मना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हजारों लोग लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक स्वतंत्रता के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं.

    यह साफ है कि अमेरिका आज जिस मोड़ पर खड़ा है, वहां हर जश्न के पीछे कहीं न कहीं असहमति की गूंज भी सुनाई दे रही है.

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