AI की दुनिया में Meta का मास्टरस्ट्रोक! 14 अरब डॉलर देकर एलेक्ज़ेंडर को सौंपी कमान, जानें कौन हैं वांग

    Alexander Wang Meta AI: दुनिया तेजी से उस दौर में पहुंच रही है जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि हर क्षेत्र की रीढ़ बन चुकी है. सोशल मीडिया से लेकर रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और अंतरिक्ष तक, हर जगह AI की पहुंच गहराती जा रही है.

    Meta masterstroke in the world of AI Alexander Wang by paying 14 billion dollars know more
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    Alexander Wang Meta AI: दुनिया तेजी से उस दौर में पहुंच रही है जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि हर क्षेत्र की रीढ़ बन चुकी है. सोशल मीडिया से लेकर रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और अंतरिक्ष तक, हर जगह AI की पहुंच गहराती जा रही है. ऐसे समय में जब हर टेक कंपनी अपनी-अपनी AI रणनीति को धार देने में लगी है, मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है.

    मेटा ने केवल एक नई घोषणा की है, बल्कि अपने भविष्य को एक नई दिशा दी है, कंपनी ने 28 वर्षीय टेक्नोलॉजी उद्यमी एलेक्ज़ेंडर वांग को अपना नया AI ऑफिसर और Meta Superintelligence Labs का प्रमुख नियुक्त किया है. यह फैसला सिर्फ एक नई नियुक्ति नहीं है, बल्कि यह मेटा की आने वाली रणनीति की गहराई और उसकी तकनीकी कल्पनाओं की झलक देता है.

    वांग का सफर: सीमित संसाधनों से सुपरइंटेलिजेंस तक

    एलेक्ज़ेंडर वांग का नाम अब ग्लोबल टेक जगत में जाना-पहचाना हो गया है, लेकिन उनकी कहानी प्रेरणा से भरपूर है. महज 19 साल की उम्र में उन्होंने लूसी गुओ के साथ मिलकर Scale AI नामक स्टार्टअप शुरू किया. नींद के लिए एयर मैट्रेस, न खत्म होने वाला कोडिंग शेड्यूल और बार-बार के असफल प्रयोग, सबकुछ झेलते हुए उन्होंने वो मुकाम हासिल किया, जिसकी कल्पना भी कई लोग नहीं कर पाते.

    Scale AI ने डेटा एनोटेशन और AI ट्रेनिंग के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया. देखते ही देखते ये कंपनी उन चुनिंदा प्लेटफॉर्म्स में शामिल हो गई जो दुनिया की बड़ी-बड़ी AI कंपनियों को ट्रेनिंग डेटा मुहैया कराती हैं. और इसी जुनून व अनुभव के दम पर वांग अब मेटा के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की अगुवाई करने जा रहे हैं.

    मार्क जुकरबर्ग का बड़ा दांव, 14 अरब डॉलर की साझेदारी

    मेटा के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने न केवल वांग को कंपनी में उच्च पद दिया है, बल्कि उनके स्टार्टअप Scale AI में 14 अरब डॉलर से अधिक का निवेश भी किया है. यह निवेश केवल एक टेक्नोलॉजी में नहीं, बल्कि उस सोच और दृष्टिकोण में है जो भविष्य की दिशा तय करेगा.

    वांग को Meta Superintelligence Program की कमान सौंपते हुए जुकरबर्ग ने साफ कर दिया है कि अब मेटा केवल एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म नहीं रह गया है. कंपनी अब उस दुनिया की तैयारी कर रही है, जहां इंसानों और मशीनों की सोच के बीच की रेखाएं धुंधली होने वाली हैं.

    AI विभाग का पुनर्गठन, रिसर्च से रिवॉल्यूशन तक

    मेटा में अपनी नियुक्ति के बाद एलेक्ज़ेंडर वांग ने कंपनी के AI डिवीजन का पुनर्गठन शुरू कर दिया है. उनका मानना है कि अगर Superintelligence को गंभीरता से विकसित करना है, तो रिसर्च, प्रोडक्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन जैसे स्तंभों को अलग-अलग दिशा में नहीं, एक साझा लक्ष्य के तहत आगे बढ़ाना होगा. इस विचारधारा के तहत वांग मेटा की AI टीम को न सिर्फ फिर से संगठित कर रहे हैं, बल्कि नई प्रतिभाओं को भी जोड़ रहे हैं जो इस परिवर्तन को ज़मीन पर उतार सकें.

    सोशल मीडिया से सुपरइंटेलिजेंस तक

    अब तक मेटा को हम फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए जानते थे. लेकिन मेटा का अगला अध्याय कहीं और लिखा जा रहा है, एक ऐसी दुनिया की कल्पना जहां मशीनें सिर्फ इंसानों के सहायक नहीं होंगी, बल्कि सोचने, समझने और निर्णय लेने में भी सक्षम होंगी.

    Meta Superintelligence Labs इसी दिशा में पहला कदम है, जहां वांग और उनकी टीम ऐसे AI सिस्टम विकसित कर रही है जो इंसानी बुद्धिमत्ता की सीमाओं को पार कर सकें. यह महज तकनीकी प्रयोग नहीं, बल्कि भविष्य को फिर से परिभाषित करने की कोशिश है.

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