MP Caracel Animal: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधीसागर वन्यजीव अभ्यारण्य से एक खुशखबरी सामने आई है. जहां सरकार चीतों को बसाने की योजना बना रही है, वहीं इस अभ्यारण्य में दुर्लभ जंगली बिल्ली की प्रजाति कैराकल (स्याहगोश) की उपस्थिति ने वन्यजीव प्रेमियों को चौंका दिया है. यह प्रजाति भारत में विलुप्तप्राय मानी जाती है और लंबे समय बाद राज्य के किसी संरक्षित क्षेत्र में इसका पता चला है.
कैमरा ट्रैप में हुआ कैराकल का रिकॉर्ड
1 जुलाई को गांधीसागर अभ्यारण्य में लगाए गए कैमरा ट्रैप में एक वयस्क नर कैराकल (स्याहगोश) को देखा गया. यह रिकॉर्डिंग इस बात का प्रमाण है कि यह प्रजाति इस क्षेत्र में मौजूद है. वन अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है और इसके बाद एमपी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने सोशल मीडिया पर इसे साझा किया.
पहली बार देखा गया कैराकल
जिला फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) संजय रायखेरे ने बताया कि उन्होंने अपनी 15 साल की सेवा में पहली बार इस प्रजाति को देखा है. उन्होंने कहा, "यह गांधीसागर अभ्यारण्य में इस प्रजाति की पुष्टि होने का एक महत्वपूर्ण संकेत है कि यह क्षेत्र दुर्लभ प्रजातियों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान कर रहा है." यह पुष्टि इस बात का भी संकेत है कि संरक्षित क्षेत्रों में जीवन की विविधता अभी भी जीवित है.
कैराकल की विशेषताएं
कैराकल एक शर्मीला और रात में सक्रिय रहने वाला जानवर है. यह शुष्क और झाड़ीदार इलाकों में रहना पसंद करता है. इसकी तेज दौड़ और शिकार करने की क्षमता इसे एक अद्वितीय शिकारी बनाती है. यह छोटे जानवरों को अपना शिकार बनाता है और अपनी चाल में अत्यधिक तेज होता है.
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