युवक ने ललकारा, खूंखार बाघ बना बेचारा, डंडे से की जमकर धुलाई, पीट-पीटकर नानी याद दिलाई

    मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में एक युवक ने अपनी जान बचाने के लिए कुछ ऐसा किया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. जंगल में चराने गए इस युवक को एक विशाल बाघ ने अचानक हमला कर दिया, लेकिन उसने बाघ से मुकाबला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

    man fought with tiger in balaghat hit with stick
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    Man Clashed With Tiger: बड़ी संख्या में लोग जंगल में अपनी रोज़ी-रोटी के लिए जाते हैं, लेकिन वहां के खतरों का सामना करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. हाल ही में मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में एक युवक ने अपनी जान बचाने के लिए कुछ ऐसा किया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. जंगल में चराने गए इस युवक को एक विशाल बाघ ने अचानक हमला कर दिया, लेकिन उसने बाघ से मुकाबला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. युवक ने बाघ पर डंडे बरसाए और अपनी जान बचाने में सफल रहा.

    बाघ से भिड़ने के बाद युवक की हालत गंभीर

    यह घटना बालाघाट के कंटगी वन क्षेत्र के कन्हड़गांव बीट की है, जहां एक युवक बस्तीराम जंगल में अपने जानवरों को चराने गया था. बुधवार को जब वह जंगल में था, तो अचानक एक विशाल बाघ ने उस पर पीछे से हमला कर दिया. बाघ के हमले से युवक के सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. बस्तीराम ने अपनी जान बचाने के लिए बाघ को डंडे से मारकर भागने के लिए मजबूर कर दिया.

    किसी तरह 200 मीटर पैदल चलते हुए मदद तक पहुंचे

    भारी चोटों के बावजूद, युवक ने 200 मीटर पैदल चलते हुए अपने बेटे को फोन किया और घटना की जानकारी दी. बेटे ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बस्तीराम को इलाज के लिए कंटगी अस्पताल भेजा. उसके बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसका इलाज जारी है.

    वन विभाग ने मदद के रूप में दी 5 हजार रुपए

    इस साहसिक घटना के बाद, वन विभाग ने बस्तीराम को सहायता के रूप में 5,000 रुपये की राशि दी है. इसके साथ ही वन विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि युवक का इलाज पूरी तरह से विभाग द्वारा किया जाएगा. बस्तीराम के साहसिक कार्य को देखते हुए वन विभाग ने सभी को जंगल में जाने से मना किया है, खासकर उस स्थान पर, जहां बाघ की मूवमेंट देखी जा रही है.

    कंटगी वन क्षेत्र के अधिकारी बाबूलाल चडार ने बताया कि बस्तीराम ने अपनी जान बचाने के लिए अद्वितीय साहस का परिचय दिया है. इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जंगलों में रहते हुए अगर किसी अप्रत्याशित खतरे का सामना करना पड़े, तो जीवन को बचाने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता. उन्होंने इलाके के निवासियों को जंगल में न जाने की सलाह दी है, ताकि कोई और इस तरह की खतरनाक स्थिति का सामना न करे.

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