Bizarre news: कुछ जुनून हौसला देते हैं, तो कुछ जुनून खतरे की घंटी बन जाते हैं. ब्रिटेन के नॉर्थंबरलैंड में रहने वाला 26 वर्षीय जेम्स ब्राउन भी एक जुनून का शिकार था. लेकिन ये जुनून फायरफाइटर्स को करीब से देखने का था. सुनने में अजीब लगेगा, मगर जेम्स ने अपने इसी अजीब शौक को पूरा करने के लिए खुद का घर दो बार आग के हवाले कर दिया. वो भी सिर्फ इसलिए ताकि फायर ब्रिगेड को आते देख सके, उन्हें काम करते हुए महसूस कर सके.
जहां आम लोग जिंदगी भर मेहनत करके घर बनाते हैं, वहीं जेम्स ने बिना सोचे-समझे उसे आग के हवाले कर दिया — न सिर्फ अपनी, बल्कि पड़ोसियों की जान भी खतरे में डाल दी. यह घटना 9 सितंबर 2023 की है, लेकिन इसकी गूंज अब सोशल मीडिया से लेकर कोर्ट तक हर जगह सुनाई दे रही है.
क्या था मामला?
पहली बार जब जेम्स ने फायर ब्रिगेड को कॉल किया, तो उसने बताया कि बिजली मीटर से चिंगारी निकली और अलमारी में आग लग गई. फायरफाइटर्स पहुंचे और आग बुझा दी. लेकिन ठीक 90 मिनट बाद, जेम्स ने फिर से कॉल किया — उसी जगह दोबारा आग लगने की बात कही. मगर इस बार फायर ब्रिगेड को कुछ गड़बड़ लगी, क्योंकि बिजली तो पहले ही काट दी गई थी. जब जांच हुई, तो सच सामने आया — जेम्स ने जानबूझकर आग लगाई थी, सिर्फ इसलिए ताकि वह फिर से फायर ब्रिगेड को आता देख सके.
80 बार किया कॉल
जांच में पता चला कि जेम्स पिछले एक साल में फायर ब्रिगेड को 80 बार कॉल कर चुका है. और इस बार तो उसने उनकी वीडियो भी बनाई, जब वो आग बुझा रहे थे. कोर्ट में उसने अपना जुर्म कबूल किया और कहा कि वो खुद फायरफाइटर बनना चाहता था. जज ने इसे "एक खतरनाक सनक" करार दिया और कहा कि ऐसी हरकत से कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी.
कोर्ट ने सुनाई अजीब सजा
जज रॉबर्ट एडम्स ने जेम्स को जेल नहीं भेजा, बल्कि उसे दो साल तक 150 घंटे की मुफ्त सेवा (कम्युनिटी सर्विस) करने की सजा सुनाई. अगर उसने इस दौरान कोई गलती की, तो सीधे जेल भेजा जाएगा. जेम्स के वकील ने बताया कि अब वह अपनी गलती मान चुका है और थेरेपी लेकर खुद को ठीक करने की कोशिश कर रहा है.
सोशल मीडिया पर बवाल
जेम्स की ये कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है. एक यूज़र ने लिखा, "ये तो क्रेज़ी है! कोई सिर्फ फायर ब्रिगेड को देखने के लिए घर जलाता है?" दूसरे ने सजा को बताया बहुत हल्की, "इतना बड़ा अपराध और बस इतना? ये इंसाफ नहीं है." कई लोग कह रहे हैं कि सजा से ज्यादा उसे मानसिक इलाज की जरूरत है.
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