Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है. राज्य के अनुभवी नेता छगन भुजबल ने सोमवार को एक बार फिर मंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल द्वारा आयोजित शपथग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे. भुजबल की वापसी को महाराष्ट्र की राजनीति में एक "साइलेंट कमबैक" के रूप में देखा जा रहा है.
एक साधारण सब्जी विक्रेता से राज्य मंत्री तक का सफर
छगन भुजबल का राजनीतिक सफर किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं है. 15 अक्टूबर 1947 को जन्मे भुजबल ने कभी मुंबई के बायकुला मार्केट में सब्जी बेची थी. बाद में उन्होंने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया और सामाजिक कार्यों के ज़रिये राजनीति की ओर रुख किया.
#WATCH | Mumbai, Maharashtra | NCP leader Chhagan Bhujbal takes oath as a minister in the Maharashtra government at the Raj Bhavan.
— ANI (@ANI) May 20, 2025
Maharashtra CM Devendra Fadnavis, deputy CMs Eknath Shinde and Ajit Pawar also present. pic.twitter.com/B215pQvRkP
शिवसेना से शुरुआत, कांग्रेस होते हुए NCP तक
भुजबल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1960 के दशक में शिवसेना से की और करीब 25 साल तक पार्टी के साथ जुड़े रहे. वे 1985 में मझगांव से विधायक बने और लगातार दो बार यह सीट जीती. लेकिन ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर पार्टी से मतभेद के बाद 1991 में शिवसेना छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. 1999 में शरद पवार के साथ एनसीपी के गठन में शामिल हुए और उसी वर्ष महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री बने. वे PWD, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, और उपभोक्ता मामलों जैसे अहम मंत्रालय भी संभाल चुके हैं.
2024 में नाराजगी, 2025 में वापसी
2024 के मंत्रिमंडल विस्तार में जगह न मिलने से भुजबल नाराज़ हो गए थे. उन्होंने अजित पवार पर भी सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए थे. लेकिन अब 2025 में महायुति (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी) की सरकार में उन्हें फिर से जगह मिल गई है. एनसीपी, जिसने 2024 के विधानसभा चुनाव में 41 सीटें जीती थीं, अब सत्ता का अहम हिस्सा है और भुजबल जैसे वरिष्ठ नेता की वापसी इससे पार्टी की पकड़ और मज़बूत करेगी.
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