'महाकुंभ बना उत्तर प्रदेश की ताकत का प्रतीक', Bharat 24 के कार्यक्रम में बोले अवनीश अवस्थी

    अवनीश अवस्थी ने प्रयागराज में आयोजित भव्य महाकुंभ 2025 की सफलता को उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक दक्षता और भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक बताया.

    Mahakumbh symbol of Uttar Pradesh strength Avnish Awasthi Bharat 24 program
    अवनीश अवस्थी

    नई दिल्ली: भारत 24 चैनल द्वारा आयोजित Viksit Bharat 2047 समिट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य सलाहकार अवनीश अवस्थी ने प्रयागराज में आयोजित भव्य महाकुंभ 2025 की सफलता को उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक दक्षता और भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि लॉजिस्टिक, टेक्नोलॉजी, टूरिज्म और सांस्कृतिक विरासत का वैश्विक उदाहरण बन चुका है.

    1989 से लेकर 2025 तक, महाकुंभ के साक्षी रहे अवस्थी

    अवनीश अवस्थी ने भावुक होते हुए बताया कि उनकी प्रशासनिक यात्रा की शुरुआत 1989 के कुंभ से हुई थी, जब वे प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में एसडीएम सदर के रूप में तैनात थे. इसके बाद 2019 के दिव्य और भव्य कुंभ में उनकी गहरी भूमिका रही. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया, और वहीं से नए युग की शुरुआत हुई.

    महाकुंभ 2025: दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन

    अवस्थी ने आंकड़ों के साथ बताया कि 2025 के महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए, जो दुनिया के किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन से कई गुना अधिक है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन 45 दिनों तक चला, जिसमें हर प्रमुख पावन तिथि को अलग-अलग आयोजन हुए.

    “यह दुनिया में सबसे लंबी अवधि और सबसे बड़े आकार का आयोजन है. अगला सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन ब्राजील और फिर सऊदी अरब में होता है, लेकिन वह भी कुंभ के सामने छोटा पड़ता है,” — अवनीश अवस्थी

    यूनेस्को ने भी दी मान्यता, बना 'डिजिटल कुंभ'

    अवनीश अवस्थी ने बताया कि महाकुंभ को यूनेस्को द्वारा Intangible Cultural Heritage की मान्यता दी गई है. साथ ही, इस बार इसे डिजिटल कुंभ बनाने का सपना भी साकार हुआ. उन्होंने कहा कि जितना डेटा कुंभ में जेनरेट हुआ — मूवमेंट, वीडियोग्राफी, ट्रैफिक, ह्यूमन फ्लो — वह अब देश-विदेश की बड़ी यूनिवर्सिटीज़ रिसर्च के लिए उपयोग कर रही हैं. इसमें IIT मद्रास, IIT कानपुर, IIM अहमदाबाद, हावर्ड यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी जैसी संस्थाओं ने रुचि दिखाई है.

    हर राज्य से पहुंचे श्रद्धालु, 180 देशों की मौजूदगी

    अवनीश अवस्थी ने कहा कि कुंभ ने भारत की एकता की भी झलक दी. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे की बदौलत हर राज्य की गाड़ियों की नंबर प्लेट प्रयागराज में देखी गई — बंगाल से लेकर तमिलनाडु, पंजाब से केरल तक, हर कोना कुंभ में शामिल हुआ. इसके साथ ही, 180 से अधिक देशों के नागरिकों, राजदूतों और श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लिया और सनातन संस्कृति के विराट स्वरूप को सराहा.

    15,000 करोड़ से अधिक खर्च, 3 लाख करोड़ से अधिक का आर्थिक लाभ

    अवनीश अवस्थी ने बताया कि इस आयोजन में करीब 7000 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं पर खर्च किए, जबकि केंद्र सरकार द्वारा रेलवे, NHAI और टेलीकॉम जैसी योजनाओं पर 8000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए.

    “यह आयोजन डबल इंजन सरकार के सामंजस्य और समर्पण का जीता-जागता उदाहरण है,” — अवनीश अवस्थी

    उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ हुआ.

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