नई दिल्ली: पिछले सप्ताह, इंडिगो एयरलाइंस में अचानक उत्पन्न हुई ऑपरेशनल अव्यवस्था ने हजारों यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया. उड़ानों में देरी, रद्दीकरण और गलत सूचनाओं की वजह से एयरलाइन के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ आ गई. इसके बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन से कड़ी सफाई मांगी और कहा कि यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी. मंत्रालय का यह सख्त रुख इंडिगो के लिए एक चेतावनी है कि भविष्य में ऐसी चूकें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.
एयरलाइन को किया गया तलब
इस ऑपरेशनल संकट के बाद मंत्रालय ने विस्तृत जांच शुरू की और इंडिगो प्रबंधन के साथ समीक्षा बैठक की. एयरलाइन के CEO पीटर एल्बर्स को मंत्रालय ने फिर से तलब किया, जहां उनसे खराब प्रबंधन के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया. पीटर एल्बर्स ने बताया कि 6 दिसंबर तक प्रभावित उड़ानों के 100 प्रतिशत रिफंड किए जा चुके हैं, लेकिन मंत्रालय इससे संतुष्ट नहीं था. मंत्रालय ने निर्देश दिया कि शेष रिफंड और बैगेज हैंडओवर तत्काल पूरा किया जाए.
During the last week, many passengers faced severe inconvenience due to Indigo’s internal mismanagement of crew rosters, flight schedules and inadequate communication. While the enquiry and necessary actions are underway, another meeting with Indigo’s top management was held to… pic.twitter.com/yw9jt3dtLR
— Ram Mohan Naidu Kinjarapu (@RamMNK) December 9, 2025
10 फीसदी रूट्स की कटौती
मंत्रालय ने इंडिगो को एक और कड़ी कार्रवाई करते हुए उसके रूट नेटवर्क में 10 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है. यह कदम एयरलाइन के संचालन को स्थिर करने, बार-बार होने वाले रद्दीकरणों पर नियंत्रण पाने और सेवा स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है. हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि रूट नेटवर्क के भीतर कटौती के बावजूद इंडिगो को सभी गंतव्यों के लिए उड़ानें जारी रखनी होंगी, ताकि यात्रियों को कोई दिक्कत न हो.
मंत्रालय का स्पष्ट संदेश
मंत्रालय ने इस पूरे प्रकरण में एक अहम दिशा-निर्देश जारी किया है कि एयरलाइन को किराया नियंत्रण (fare capping), समय पर रिफंड, पारदर्शी जानकारी और बैगेज सेवाओं के लिए सभी सरकारी नियमों का पालन करना अनिवार्य है. मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया, तो और सख्त कार्रवाइयां की जाएंगी. विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकार का यह कदम सिर्फ इंडिगो के लिए नहीं, बल्कि पूरे एविएशन सेक्टर के लिए एक मजबूत संदेश है कि यात्रियों के हितों से समझौता कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: भारत में होगा C-130J सुपर हरक्यूलिस विमानों का निर्माण, अमेरिका से बाहर पहला उत्पादन हब बनाने की तैयारी