मदरसे बंद, बच्चों को मेडिकल ट्रेनिंग, राशन जमा करना... पाकिस्तान कर रहा है भारत के साथ जंग की तैयारी

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. हमले के बाद भारत की चुप्पी और सख्त प्रारंभिक कदमों ने पाकिस्तान को गहरी चिंता में डाल दिया है. विश्लेषकों का मानना है कि भारत की शांत मुद्रा ही इस बार सबसे बड़ा संकेत है—संभावित सैन्य कार्रवाई का.

    Madrasas closed, children getting medical training, stocking up rations... Pakistan is preparing for war with India
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    इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. हमले के बाद भारत की चुप्पी और सख्त प्रारंभिक कदमों ने पाकिस्तान को गहरी चिंता में डाल दिया है. विश्लेषकों का मानना है कि भारत की शांत मुद्रा ही इस बार सबसे बड़ा संकेत है—संभावित सैन्य कार्रवाई का.

    भारत ने इस बीच पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित किया है और दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र भी दोनों ओर से बंद कर दिए गए हैं. सीमा पर युद्धविराम समझौते के टूटने के बाद रात में गोलाबारी की घटनाएं बढ़ गई हैं. इसके अलावा, भारत की ओर से सैन्य बलों को किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दे दी गई है.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पहलगाम हमले का जवाब दिया जाएगा. मोदी सरकार आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है.

    क्या संभावित लक्ष्यों में हाफिज सईद?

    भारतीय रुख की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के प्रमुख नेताओं की सुरक्षा कड़ी कर दी है. खासकर हाफिज सईद, जो लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और जमात-उद-दावा का प्रमुख माना जाता है, उसे लेकर इस्लामाबाद विशेष रूप से सतर्क है.

    सूत्रों के अनुसार, सईद के लाहौर स्थित निवास को अस्थायी ‘उप-जेल’ घोषित किया गया है, और वहां पूर्व कमांडो तथा हाई-टेक निगरानी प्रणाली तैनात की गई है. इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान को भारत की ओर से किसी गुप्त और लक्षित कार्रवाई का भय सता रहा है.

    LoC के आसपास सैन्य और नागरिक तैयारियां

    पाकिस्तानी प्रशासित कश्मीर (PoK) में सुरक्षा की दृष्टि से कई आपात कदम उठाए गए हैं. नियंत्रण रेखा के समीप स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कई जगहों पर बच्चों को प्राथमिक आपातकालीन चिकित्सा एवं आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अलावा, सीमावर्ती गांवों में बंकरों को मजबूत किया जा रहा है और नागरिकों को घरों में रहने की सलाह दी गई है.

    PoK सरकार ने सीमावर्ती 13 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दो महीनों की खाद्य आपूर्ति का स्टॉक तैयार रखने का आदेश जारी किया है और इसके लिए एक अरब रुपये का आपातकालीन कोष भी निर्धारित किया गया है.

    पर्यटन स्थल खाली, आम जनजीवन प्रभावित

    एक अन्य संकेतक जो तनाव की गंभीरता को दर्शाता है, वह है पर्यटन का ठप पड़ना. नीलम घाटी जैसे लोकप्रिय स्थल अब वीरान हो चुके हैं. पर्यटक क्षेत्र छोड़ चुके हैं और होटल व्यवसाय ठप हो गया है. स्थानीय लोगों में युद्ध की आशंका ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है.

    अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और कूटनीतिक कोशिशें

    इस बीच अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने भारतीय और पाकिस्तानी समकक्षों से बातचीत की है. अमेरिका ने यह स्पष्ट किया है कि वह भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ उसकी स्थिति का समर्थन करता है.

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