लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद पुलिस ने सोमवार को राजधानी लखनऊ में विशेष अभियान शुरू किया. पुलिस ने इस अभियान के तहत सरोजनी नगर क्षेत्र में कूड़ा बीनने वालों की पहचान और दस्तावेजों की जांच की. इस जांच के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं, जिसमें सबसे अहम यह था कि ज्यादातर लोगों के आधार कार्ड असम से बने हुए थे. इस पर पुलिस ने आगे की जांच का आदेश दिया और इन पहचान पत्रों की त्रिस्तरीय जांच शुरू कर दी.
असम से बने आधार कार्ड ने बढ़ाई चिंता
लखनऊ पुलिस ने सरोजनी नगर और उसके आसपास के इलाकों में कूड़ा बीनने वालों की जांच की. इस दौरान पाया गया कि इनमें से अधिकांश के पास असम से बने आधार कार्ड थे. कुछ लोगों ने बताया कि वे यूपी में सिर्फ 1-2 साल से रह रहे हैं, जबकि कुछ ने दावा किया कि वे 20-25 साल से यहां बसे हुए हैं. यह तथ्य पुलिस के लिए एक बड़ा संकेत था कि ये लोग शायद अवैध रूप से यूपी में रह रहे हैं. पुलिस ने सभी के दस्तावेज़ों को जब्त कर लिया और उनकी जांच शुरू कर दी है.
थ्री-लेयर वेरिफिकेशन से होगी असलियत का खुलासा
लखनऊ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब इन असम से बने आधार कार्ड्स की थ्री-लेयर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सबसे पहले, इन व्यक्तियों के असली पते की जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस वहां के थाना से संपर्क करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे वास्तव में असम के निवासी हैं या नहीं. इसके बाद आधार कार्ड जारी करने वाली एजेंसी से भी जांच की जाएगी. अगर कोई भी दस्तावेज़ फर्जी पाया गया, तो उस व्यक्ति के खिलाफ अवैध घुसपैठ की कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी का सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि उत्तर प्रदेश में किसी भी अवैध नागरिक या संदिग्ध व्यक्ति को रहने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि प्रदेश में किसी भी प्रकार की अवैध घुसपैठ को रोका जा सके. इसके बाद पुलिस ने इस अभियान को तेज़ी से लागू किया है.
जल्द ही अन्य शहरों में भी होगा अभियान
लखनऊ में इस अभियान की शुरुआत के बाद, यह माना जा रहा है कि पुलिस जल्द ही अन्य प्रमुख शहरों जैसे कानपुर, वाराणसी और इलाहाबाद में भी इसी तरह का अभियान चलाएगी. पुलिस का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर जिले में अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर किया जाए, ताकि प्रदेश में सुरक्षा और शांति बनी रहे.
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