देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले दिनों बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन की वजह से विवादों में रही. यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जिसके बाद यह मामला संसद तक पहुंच गया. सोमवार को लोकसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने इस मुद्दे पर सरकार की स्थिति साफ करते हुए बताया कि केंद्र इस संकट को हल्के में नहीं ले रहा, बल्कि लगातार इसकी गहन समीक्षा चल रही है.
मंत्री नायडू के अनुसार, शुरुआती जांच बताती है कि इंडिगो के भीतर क्रू रोस्टरिंग और ड्यूटी शेड्यूलिंग में गंभीर अव्यवस्था थी. इसी आंतरिक गड़बड़ी ने पूरे नेटवर्क पर असर डालते हुए एक चेन-रिएक्शन पैदा किया.इसके साथ ही सर्दियों का व्यस्त शेड्यूल, खराब मौसम, तकनीकी खराबियां और एयर ट्रैफिक कंजेशन ने स्थिति को और ज्यादा जटिल बना दिया.
DGCA का एक्शन, CEO को भेजा शो-कॉज़ नोटिस
उड्डयन मंत्री ने बताया कि DGCA ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को शो-कॉज़ नोटिस जारी किया है. जांच पूरी होते ही एयरक्राफ्ट एक्ट और रूल्स के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.सरकार ने एयरलाइन को अपनी क्षमता और नेटवर्क की नए सिरे से समीक्षा करने की भी सलाह दी है.
सुरक्षा पर समझौता नहीं
लोकसभा में मंत्री नायडू ने कहा,“सुरक्षा पूरी तरह नॉन-नेगोशियेबल है. किसी भी विमानन कंपनी को यात्रियों के साथ कठोर या असंवेदनशील व्यवहार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”उन्होंने यह भी बताया कि फ्लाइट ऑपरेशन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और स्थिति पर विशेष निगरानी जारी है.
DGCA ने इंडिगो से मांगी विस्तृत RCA रिपोर्ट
सरकार ने एयरलाइन से रूट कॉज़ एनालिसिस (RCA) रिपोर्ट भी तलब की है, जिसमें संकट की जड़ और उसके समाधान की जानकारी होना जरूरी है. DGCA ने निर्देश दिया है कि इंडिगो आगे से सभी नियमानुसार संचालन सुनिश्चित करे.
सदन में विपक्ष का हंगामा
मंत्री के बयान के बाद विपक्ष ने सदन में जोरदार विरोध दर्ज कराया. विपक्ष का आरोप था कि केंद्र एयरलाइंस पर ढील बरत रहा है और यात्रियों के हितों की पर्याप्त रक्षा नहीं कर रहा.सदस्य इस बात पर अड़े रहे कि सरकार तुरंत इंडिगो के खिलाफ कड़ा एक्शन ले और हालिया एयरफेयर बढ़ोतरी पर भी स्पष्ट जवाब दे.
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