अमेरिका के पास है दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना, जानें भारत-पाकिस्तान की रैंकिंग, लिस्‍ट जारी

    वैश्विक सामरिक प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय तनावों के बीच ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (Global Firepower Index 2025) ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं की वार्षिक रैंकिंग जारी की है.

    List of countries with the most powerful army in the world
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    Global Firepower Index: वैश्विक सामरिक प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय तनावों के बीच ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (Global Firepower Index 2025) ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं की वार्षिक रैंकिंग जारी की है. इस रिपोर्ट में कुल 145 देशों की सैन्य ताकत का मूल्यांकन किया गया है. इसमें पारंपरिक हथियारों, सैनिकों की संख्या, वित्तीय संसाधन, तकनीकी क्षमताओं और परमाणु शक्ति जैसे कारकों के आधार पर देशों की तुलना की गई है.

    रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने एक बार फिर दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना का स्थान हासिल किया है. अमेरिका को PowerIndex स्कोर 0.0744 मिला है, जो शून्य के जितना करीब होता है, वह उतनी अधिक सैन्य क्षमता को दर्शाता है.

    अमेरिका की ताकत उसके अत्याधुनिक हथियारों, विशाल नौसेना बेड़े, उन्नत वायु सेना और सबसे बड़े रक्षा बजट से झलकती है.

    • रक्षा बजट (2024): लगभग 873 अरब डॉलर
    • अमेरिका के पास 11 विमानवाहक पोत (Aircraft Carriers), सैकड़ों लड़ाकू जेट्स, परमाणु हथियारों का बड़ा भंडार और हजारों बख्तरबंद वाहन हैं.
    • यह एकमात्र ऐसा देश है जिसकी सैन्य मौजूदगी सभी महाद्वीपों पर है.

    रूस और चीन टॉप-3 में शामिल

    रूस को 0.0788 के स्कोर के साथ दूसरा स्थान मिला है. हालांकि यूक्रेन युद्ध ने उसकी अर्थव्यवस्था पर असर डाला है, लेकिन पारंपरिक हथियारों और परमाणु शक्ति के मामले में रूस अब भी बेहद मजबूत है. रूस के पास करीब 13,000 टैंक, 4,000 लड़ाकू विमान और दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियार भंडार है.

    वहीं चीन, जो एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी है, को तीसरी रैंक मिली है. चीन का पावर इंडेक्स स्कोर भी 0.0788 है. चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सक्रिय सेना है, जिसमें लगभग 20 लाख सैनिक शामिल हैं. उसके पास आधुनिक मिसाइल प्रणाली, स्टेल्थ फाइटर जेट्स और तेजी से बढ़ता नौसैनिक बेड़ा है.

    भारत दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना

    भारत ने अपनी पिछली स्थिति बरकरार रखते हुए ग्लोबल फायरपावर 2025 इंडेक्स में चौथा स्थान हासिल किया है. भारत का पावर इंडेक्स स्कोर 0.1184 है.

    भारत की सैन्य ताकत का आधार तीनों सेनाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना का संतुलित और विशाल ढांचा है.

    • कुल सक्रिय सैनिक: 14 लाख से अधिक
    • रिजर्व सैनिक: 5 लाख से ज्यादा
    • टैंक: लगभग 4,700
    • लड़ाकू विमान: 2,200 से अधिक
    • पनडुब्बियां: 17
    • एयरक्राफ्ट कैरियर: 2 (तीसरा निर्माणाधीन)

    भारत की रक्षा क्षमताओं में हाल के वर्षों में बड़ा सुधार हुआ है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और स्वदेशी रक्षा उत्पादन अभियानों ने भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता को नई मजबूती दी है.
    इसके अलावा, DRDO द्वारा विकसित मिसाइल सिस्टम, राफेल जेट्स, तेजस, और अग्नि सीरीज़ मिसाइलें भारत की स्ट्राइक क्षमता को कई गुना बढ़ाती हैं.

    टॉप 10 शक्तिशाली देशों की पूरी लिस्ट

    • अमेरिका (0.0744)
    • रूस (0.0788)
    • चीन (0.0788)
    • भारत (0.1184)
    • दक्षिण कोरिया (0.1656)
    • ब्रिटेन (0.1785)
    • फ्रांस (0.1878)
    • जापान (0.1839)
    • तुर्की (0.1902)
    • इटली (0.2164)

    इन देशों की ताकत में केवल सैनिक संख्या ही नहीं, बल्कि तकनीकी क्षमता, रक्षा उद्योग, भौगोलिक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन भी शामिल हैं.

    पाकिस्तान 12वें स्थान पर खिसका

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय बलों के सामने मात खा चुके पाकिस्तान की सेना टॉप 10 में जगह नहीं बना सकी. पाकिस्तान को 12वीं रैंक और PowerIndex स्कोर 0.2513 मिला है.

    • पाकिस्तान के पास लगभग 6 लाख सक्रिय सैनिक और 5 लाख रिजर्व फोर्स हैं.
    • उसके पास 1,400 लड़ाकू विमान, 2,400 टैंक और सीमित नौसैनिक क्षमता है.
    • हालांकि, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और संसाधनों की कमी उसकी सैन्य शक्ति को सीमित करती है.

    विश्लेषकों के अनुसार, भारत के मुकाबले पाकिस्तान का इंडेक्स स्कोर लगभग दोगुना कमजोर है, जो दोनों देशों की क्षमता में भारी अंतर दिखाता है.

    भारत बनाम पाकिस्तान: तुलना

    रैंकिंग के मानदंड

    ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स की गणना में 60 से अधिक कारकों को शामिल किया गया, जिनमें शामिल हैं —

    • जनसंख्या और सैनिक बल की संख्या
    • रक्षा बजट
    • आयुध और हथियार प्रणाली
    • भूगोल और संसाधनों की उपलब्धता
    • लॉजिस्टिक क्षमता
    • तकनीकी विकास और औद्योगिक उत्पादन
    • नौसेना और वायु शक्ति
    • परमाणु हथियारों की उपस्थिति

    रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की सैन्य शक्ति केवल पारंपरिक हथियारों पर नहीं, बल्कि साइबर सिक्योरिटी, स्पेस डिफेंस और टेक्नोलॉजी पर भी निर्भर है. भारत ने हाल के वर्षों में स्वदेशी रक्षा निर्माण (Make in India Defence Initiative) को प्राथमिकता दी है, जिससे न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ी है बल्कि निर्यात भी तेजी से बढ़ा है.

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