HAL नहीं कर पा रहा लड़ाकू विमान की डिलीवरी, वायुसेना चीफ भी लगा चुके हैं फटकार, क्यों हो रही देरी?

    भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और सुरक्षा चुनौतियों के बीच, भारतीय वायुसेना अपनी स्वदेशी लड़ाकू विमान और ट्रेनिंग जेट्स की कमी को लेकर चिंतित है.

    HAL is not able to deliver fighter aircraft why is it getting delayed
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और सुरक्षा चुनौतियों के बीच, भारतीय वायुसेना अपनी स्वदेशी लड़ाकू विमान और ट्रेनिंग जेट्स की कमी को लेकर चिंतित है. इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से कुल 180 तेजस LCA Mk-1A और HTT-40 ट्रेनिंग जेट्स के लिए दो अलग-अलग सौदे किए गए हैं. इन डीलों के तहत वित्त वर्ष 2025-26 तक 10 फाइटर जेट्स और 12 ट्रेनिंग जेट्स डिलीवर करने थे.

    हालांकि, HAL अब केवल 5 LCA Mk-1A और 3 HTT-40 ट्रेनर जेट्स की डिलीवरी का लक्ष्य पूरा कर पाया है. इस देरी को लेकर वायुसेना अध्यक्ष एयर मार्शल एपी सिंह ने फरवरी 2025 में HAL की कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि कंपनी अभी मिशन मोड में नहीं है.

    तेजस LCA Mk-1A: दो बड़े सौदे

    भारतीय वायुसेना ने LCA Mk-1A के लिए HAL से दो अलग-अलग ऑर्डर दिए हैं. पहला ऑर्डर फरवरी 2021 में 83 जेट्स के लिए किया गया था, जबकि दूसरा सितंबर 2025 में 97 जेट्स के लिए. कुल मिलाकर इन सौदों की लागत लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपये है.

    पहले कॉन्ट्रैक्ट के तहत मार्च 2026 तक 5 LCA Mk-1A डिलीवर होने थे. पूरा सौदा अगले 4-5 सालों में पूरा होगा. दूसरे कॉन्ट्रैक्ट का कार्यकाल 2027-28 से शुरू होगा और छह साल तक चलेगा.

    देरी की वजह: इंजन सप्लाई और अन्य बाधाएं

    पहले कॉन्ट्रैक्ट के तहत मार्च 2024 में पहला विमान डिलीवर होना था, लेकिन अमेरिकी GE एयरोस्पेस के F404-IN20 इंजनों की सप्लाई में बाधा आने के कारण पहला बैच प्रभावित हुआ. GE ने अब पांच इंजन डिलीवर कर दिए हैं और अगले साल 20 और इंजन मिलने की संभावना है. 2027 से सालाना 20 इंजन सप्लाई होने शुरू होंगे.

    HAL के अधिकारियों का कहना है कि LCA Mk-1A के हथियार परीक्षण सफलतापूर्वक चल रहे हैं और दिसंबर 2025 में अगला राउंड होने वाला है. इंजन सप्लाई सुधरने से HAL अपनी देरी को पूरी करने में सक्षम होगा.

    उत्पादन क्षमता और नई सुविधाएं

    बेंगलुरु में HAL सालाना 16 LCA Mk-1A जेट्स बना सकता है. हाल ही में नासिक में नई प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन किया गया, जिससे कुल उत्पादन क्षमता सालाना 24 जेट्स तक बढ़ जाएगी. HTT-40 ट्रेनिंग जेट्स के लिए भी बेंगलुरु और नासिक में सालाना कुल 20 जेट्स बनाए जाएंगे.

    HTT-40 ट्रेनर जेट्स में देरी

    भारतीय वायुसेना और HAL ने 2021 में 70 HTT-40 के लिए 6,800 करोड़ रुपये का सौदा किया था. अगले दो वर्षों में इन 70 ट्रेनर जेट्स की डिलीवरी होना थी. हालांकि अमेरिकी Honeywell के TPE331-12B टर्बोप्रॉप इंजनों की सप्लाई में देरी आई, जिसके कारण पहली डिलीवरी जनवरी 2026 में होने की संभावना है. इसके बाद मार्च 2026 तक 5 जेट्स डिलीवर होंगे और उसके बाद हर महीने दो ट्रेनर जेट्स डिलीवर किए जाएंगे. HAL ने प्रोटोटाइप के लिए यूज्ड इंजनों का उपयोग कर दो HTT-40 ट्रेनिंग जेट्स उड़ा चुके हैं.

    पायलट ट्रेनिंग पर असर

    हाल के समय में, सभी नए पायलटों की प्रारंभिक (Stage-I) फ्लाइंग ट्रेनिंग स्विस-ओरिजिनल Pilatus PC-7 MkII बेसिक ट्रेनर्स पर की जा रही है. Stage-I ट्रेनिंग पूरी करने के बाद, पायलटों को तीन स्ट्रीम में विभाजित किया जाता है – फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर.

    फाइटर स्ट्रीम के पायलट PC-7 MkII और किरण Mk-1A जेट ट्रेनर्स पर Stage-II ट्रेनिंग लेते हैं. इसके बाद ब्रिटिश-ओरिजिनल Hawk एडवांस्ड जेट ट्रेनर्स पर Stage-III ट्रेनिंग के बाद वे सुपरसोनिक फाइटर विमान उड़ा सकते हैं. बाकी दो स्ट्रीम के पायलट अलग-अलग ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर पर Stage-II और Stage-III ट्रेनिंग पूरी करते हैं.

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