मोदी कैबिनेट की बैठक में लिए गए बड़े फैसले; CoalSETU को मंजूरी, किसानों को भी मिला बड़ा तोहफा

    Modi Cabinet Meeting Decisions: केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में तीन अहम फैसले लिए, जो देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक कल्याण से जुड़े हैं.

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    Modi Cabinet Meeting Decisions: केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में तीन अहम फैसले लिए, जो देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक कल्याण से जुड़े हैं. इन फैसलों में 2027 की जनगणना के लिए एक बड़ा वित्तीय आवंटन, कोयला आपूर्ति प्रणाली में सुधार, और नारियल किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नीतिगत अनुमति शामिल हैं.

    केंद्रीय कैबिनेट के बड़े फैसले

    केंद्रीय कैबिनेट ने 2027 की जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है. यह बजट एक ऐतिहासिक वित्तीय आवंटन है, जो देशभर में जनगणना की तैयारियों के लिए किया गया है. पहली बार, यह जनगणना डिजिटल तरीके से होगी, जिससे प्रक्रिया की सटीकता और पारदर्शिता में सुधार होगा. दूसरे महत्वपूर्ण फैसले के तहत, केंद्रीय सरकार ने कोयला लिंकिंग नीति में सुधार के लिए 'CoalSETU' को मंजूरी दी है. यह एक नई नीति होगी, जो कोयला आपूर्ति में पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ावा देगी. तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय नारियल किसानों के लिए था, जिसमें 'कोपरा-2026' सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नीतिगत अनुमति दी गई है. यह कदम किसानों के हित में है, खासकर उन किसानों के लिए जो नारियल उत्पादन करते हैं.

    दो चरणों में होगी जनगणना

    अश्विनी वैष्णव ने कहा, सेंसस 2027 पहली डिजिटल सेंसस होगी. सेंसस का डिजिटल डिजाइन डेटा प्रोटेक्शन को ध्यान में रखकर बनाया गया है. यह दो फेज में किया जाएगा. पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक होगा, जिसमें हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस होगा. दूसरे चरण में फरवरी 2027 में आबादी की गिनती होगी.

    गांव/वार्ड स्तर तक शेयर होगा डेटा

    उन्होंने कहा कि कोशिश यही होगी कि आने वाले जनगणना डेटा को पूरे देश में कम से कम समय में उपलब्ध कराया जाए. ज्यादा से ज्यादा विजुअलाइजेशन टूल के साथ जनगणना परिणामों को जारी करने की कोशिश रहेगी. सबसे निचली प्रशासनिक इकाई यानी गांव/वार्ड स्तर तक सभी के साथ डेटा शेयर किया जाएगा.

    अश्विनी वैष्णव ने कहा जनगणना 2027 के सफल संचालन के लिए विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर लगभग 550 दिनों के लिए लगभग 18,600 तकनीकी जनशक्ति को लगाया जाएगा. दूसरे शब्दों में करीब 1.02 करोड़ मानव-दिवस रोजगार उत्पन्न होंगे. इसके अलावा चार्ज/जिला राज्य स्तर पर तकनीकी जनशक्ति के प्रावधान से क्षमता निर्माण भी होगा क्योंकि नौकरी की प्रकृति डिजिटल डेटा हैंडलिंग, निगरानी और समन्वय से संबंधित होगी.

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