जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की शीर्ष नीति निर्धारक संस्था कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) सक्रिय हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम इस समिति की बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई और संभावित कार्रवाई के विकल्पों पर विचार किया गया.
क्या है CCS?
CCS यानी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी, भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वपूर्ण नीति-निर्माण समिति है, जो देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा, सैन्य रणनीतियों, आतंकवाद, सीमा विवाद, और राष्ट्रीय संकट के समय बड़े निर्णय लेती है.
यह समिति न केवल सुरक्षा से जुड़ी स्थितियों पर त्वरित निर्णय लेती है, बल्कि दीर्घकालिक रणनीतिक दिशा भी तय करती है.
CCS के स्थायी सदस्य कौन होते हैं?
इनके अलावा, कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी भी बैठकों में भाग लेते हैं, जैसे:
हालांकि ये अधिकारी स्थायी सदस्य नहीं होते, लेकिन इनकी मौजूदगी तकनीकी और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए बेहद अहम होती है.
बैठक कब बुलाई जाती है?
CCS की बैठकें आमतौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विशेष घटनाओं या आपात स्थितियों के दौरान बुलाई जाती हैं, जैसे:
पहलगाम आतंकी हमले के बाद CCS की यह बैठक इसी उद्देश्य से बुलाई गई थी, ताकि स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके और संगठित प्रतिक्रिया तय की जा सके.
पहलगाम हमले पर चर्चा के मुख्य बिंदु
क्यों अहम है CCS?
भारत जैसे विविध और संवेदनशील भौगोलिक परिस्थितियों वाले देश में, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े निर्णयों को तेज़ी से और सोच-समझकर लेने के लिए CCS की भूमिका निर्णायक होती है. यह समिति सुनिश्चित करती है कि कोई भी प्रतिक्रिया सिर्फ भावनाओं पर नहीं, ठोस रणनीति और खुफिया आंकड़ों के आधार पर हो.
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