'लंच से पहले पूरा करना चाहते थे 100 रन', केएल राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकारी ये बात

    क्रिकेट की दुनिया में लॉर्ड्स मैदान पर शतक बनाना किसी भी बल्लेबाज़ का सपना होता है. भारत के ओपनर केएल राहुल ने इस सपने को सच किया, लेकिन इस बड़ी उपलब्धि के साथ एक कड़वी याद भी जुड़ गई.

    KL Rahul Wants Complete Century accepted in a press conference
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    क्रिकेट की दुनिया में लॉर्ड्स मैदान पर शतक बनाना किसी भी बल्लेबाज़ का सपना होता है. भारत के ओपनर केएल राहुल ने इस सपने को सच किया, लेकिन इस बड़ी उपलब्धि के साथ एक कड़वी याद भी जुड़ गई. दरअसल, राहुल की सेंचुरी की जल्दबाज़ी का खामियाजा टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत को रनआउट होकर चुकाना पड़ा.

    तीसरे दिन के खेल के दौरान जब भारत अच्छी स्थिति में था, तब राहुल और पंत के बीच सधी हुई साझेदारी चल रही थी. कप्तान शुभमन गिल के आउट होने के बाद पंत ने क्रीज़ संभाली और राहुल के साथ मिलकर इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को खूब थकाया. लेकिन जैसे-जैसे लंच नज़दीक आ रहा था, राहुल के मन में ऑनर्स बोर्ड पर नाम दर्ज करवाने की ललक बढ़ती जा रही थी.

    “शतक लंच से पहले पूरा करना चाहता था”

    मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में केएल राहुल ने खुद स्वीकार किया कि वह लंच से पहले ही अपने 100 रन पूरे करना चाहते थे. उन्होंने बताया, “कुछ ओवर पहले ही पंत से बातचीत हुई थी. मैंने कहा था कि अगर मौका मिला तो लंच से पहले ही शतक बना लूंगा. 

    लंच से पहले आखिरी ओवर में जब इंग्लैंड के बशीर गेंदबाज़ी कर रहे थे, तब राहुल ने तेजी से रन बनाने की कोशिश की. उन्होंने आगे कहा, “गेंद सही थी, उस पर चौका लग सकता था, लेकिन सीधा फील्डर के हाथों में चला गया. इसके बाद पंत स्ट्राइक रोटेट करना चाह रहे थे ताकि मुझे दोबारा खेलने का मौका मिले.

    रनआउट नहीं होना चाहिए था, लय टूट गई

    लेकिन योजना जैसी बनी थी, वैसी नहीं चली. अगली ही गेंद पर संचार में गड़बड़ी के चलते पंत रनआउट हो गए और ड्रेसिंग रूम लौटना पड़ा. राहुल ने कहा, “ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए था. एक रनआउट से हमारी लय पूरी तरह से टूट गई. यह हम दोनों के लिए बहुत ही निराशाजनक पल था. पंत भी अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे थे.”

    सेंचुरी मिली, पर कीमत भी चुकानी पड़ी

    केएल राहुल ने लॉर्ड्स में शतक बनाकर एक बड़ा मील का पत्थर जरूर हासिल किया, लेकिन यह भी साफ किया कि क्रिकेट व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स से कहीं ऊपर एक टीम गेम है. इस मौके की खुशी उनके चेहरे पर साफ थी, मगर पंत की विकेट गंवाने का अफसोस भी उतना ही गहरा.

    अब सवाल यही है कि क्या इतनी बड़ी उपलब्धि की ओर दौड़ लगाते हुए हम टीम के संतुलन को नजरअंदाज कर रहे हैं? राहुल की यह ईमानदार स्वीकारोक्ति कम से कम यही दिखाती है कि वे अपने प्रदर्शन के साथ-साथ अपनी गलतियों को भी खुलकर स्वीकार करते हैं.

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