पाकिस्तान में एक और आतंकवादी की मौत की खबर सामने आई है, जिसने वर्षों तक भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया. यह मौत हिजबुल मुजाहिदीन के वांछित आतंकवादी नाजिर अहमद की है, जो पिछले कई दशकों से पाकिस्तान में छिपा हुआ था और भारत में आतंकवाद फैलाने का काम करता था. पाकिस्तान के लाहौर स्थित शौकत खानुम अस्पताल में उसकी मौत की जानकारी दी गई है, लेकिन इसकी वजह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है.
नाजिर अहमद का आतंकी सफर और भारत के खिलाफ साजिशें
नाजिर अहमद, जिसे नाजिरू या अली खान के नाम से भी जाना जाता था, 2001 में भारत से पाकिस्तान भाग गया था. वहां उसने हिजबुल मुजाहिदीन से हाथ मिला लिया और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की शह पर भारतीय जमीन पर आतंकवाद फैलाने का अभियान जारी रखा. इसके बाद, नाजिर ने जम्मू-कश्मीर की आतंकवादी संगठन गजनवी फोर्स (JKGF) से भी संबंध बना लिया था, जहां से वह भारतीय सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ साजिशों में शामिल रहा.
पाकिस्तान में छिपकर नाजिर ने कई आतंकी हमलों की योजना बनाई और उन पर अमल भी किया. जम्मू-कश्मीर के सुरनकोट इलाके में एक मंदिर पर हुए ग्रेनेड हमले में भी उसका हाथ था. इस हमले का मुख्य उद्देश्य भारत में धार्मिक तनाव फैलाना और आतंक का माहौल पैदा करना था. भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले की साजिश का पर्दाफाश करते हुए पाया कि यह पूरी योजना पाकिस्तान से बनाई गई थी.
भारत का सख्त जवाब: आतंकी ठिकानों पर हमले
पाकिस्तान की शह पर चल रहे इन आतंकवादी हमलों के जवाब में भारत ने एक नई रणनीति अपनाई. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया. इन हमलों में कई आतंकवादी मारे गए, जिससे पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा. भारत ने यह साफ संदेश दिया कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को अब बख्शा नहीं जाएगा.
नाजिर अहमद की मौत: पाकिस्तानी सुरक्षा के लिए बड़ा झटका
हालांकि नाजिर अहमद की मौत लाहौर के शौकत खानुम अस्पताल में हुई, लेकिन उसकी मौत के कारणों के बारे में अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है. भारत की सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि नाजिर के साथ किसी अन्य आतंकवादी समूह में संघर्ष हुआ था, जिसके कारण उसे गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. फिर भी, पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका है क्योंकि नाजिर का मारा जाना हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के लिए एक बड़ा नुकसान है.
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