इस्लामाबादः भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को गहरी चोट पहुंचाई है. भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आतंक के गढ़ों पर की गई इस सटीक कार्रवाई से जहां देश में सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल ऊंचा हुआ है, वहीं कट्टरपंथी संगठन अलकायदा अब खुली धमकियों पर उतर आया है.
भारत की सैन्य कार्रवाई के जवाब में अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) ने एक बयान जारी कर भारत की कड़ी आलोचना की है. इस बयान में भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने की अपील की गई है. AQIS ने इस कार्रवाई को "इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ युद्ध" करार देते हुए उपमहाद्वीप के मुसलमानों को भारत के खिलाफ संघर्ष में उतरने को कहा है.
आतंकियों की भाषा में झलकता है भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का असर
AQIS के बयान में कहा गया है, “भारत की भगवा सरकार ने 6 मई की रात पाकिस्तान के छह इलाकों पर बमबारी की, जिसमें कथित तौर पर कुछ मस्जिदें और रिहायशी इलाके निशाने पर आए. कई मुसलमानों की मौत हुई.” संगठन ने इसे "शहीदों की शहादत" कहते हुए इसका बदला लेने की बात कही है.
बयान के जरिए संगठन ने उपमहाद्वीप के मुसलमानों को भारत के खिलाफ खड़े होने की अपील की है और इस संघर्ष को धार्मिक जिहाद का नाम दिया है.
दशकों पुरानी दुश्मनी को बताया आधार
AQIS ने यह भी दावा किया कि भारत का यह संघर्ष हालिया घटनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक लंबी अवधि का वैचारिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक युद्ध है. संगठन ने आरोप लगाया कि भारत सरकार, विशेषकर मोदी सरकार, “इस्लाम और मुसलमानों को मिटाने” की रणनीति पर काम कर रही है.
सख्त निगरानी और सतर्कता की ज़रूरत
इस बयान ने यह साफ कर दिया है कि भारत की सीमा पार की कार्रवाई ने आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी है, और अब वे साइकोलॉजिकल वारफेयर और उकसाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. ऐसे में भारत को न केवल सीमाओं पर सतर्कता बढ़ानी होगी, बल्कि डिजिटल और वैचारिक मोर्चों पर भी सुरक्षा को मजबूत करना होगा.
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