Jharkhand News: डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जिंदगी आसान की है, वहीं साइबर ठगी जैसी चुनौतियां भी तेजी से बढ़ी हैं. आम नागरिकों से लेकर हाई-प्रोफाइल अधिकारी और नेता तक, अब कोई भी सुरक्षित नहीं है. झारखंड की राजधानी रांची और उसके आसपास साइबर अपराधों के हालिया मामलों ने यह साबित कर दिया है कि अब ठग बेहद शातिर और तकनीकी रूप से दक्ष हो चुके हैं. ताजा मामला पांकी विधानसभा का है, जहां क्षेत्र के विधायक को फॉर्च्यूनर गाड़ी दिखाकर ठग लिया गया.
BJP विधायक बने साइबर ठगों का शिकार
पांकी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता को भी निशाना बनाया गया. एक व्यक्ति ने खुद को जीएसटी कस्टम अधिकारी बताकर गाड़ियों की नीलामी का झांसा दिया. व्हाट्सएप पर फॉर्च्यूनर गाड़ी की तस्वीर भेजकर, मात्र ₹1.27 लाख में उसे विधायक को देने का दावा किया गया. ठग ने गाड़ी के 10% अग्रिम भुगतान की मांग की और फर्जी रसीद भी भेज दी.
विधायक ने अपने निजी सहायक के माध्यम से यह रकम ट्रांसफर की, लेकिन इसके बाद ठगों का मोबाइल बंद हो गया. घटना के बाद विधायक ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई, और मामला चर्चा का विषय बन गया.
IAS के नाम पर फर्जी प्रोफाइल
हाल ही में रांची के डीसी और आईएएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर ठगों ने आम लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजीं और ठगी की कोशिश की. इस घटना ने प्रशासनिक अधिकारियों की भी सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए.
यूट्यूब पर इन्वेस्टमेंट स्कैम, आरोपी गिरफ्तार
दूसरी ओर, रांची साइबर थाना पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की. उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी विजय प्रकाश नामक एक ठग को गिरफ्तार किया गया है, जो यूट्यूब पर इन्वेस्टमेंट से जुड़े फर्जी विज्ञापनों के ज़रिए लोगों को झांसे में लेता था. लिंक पर क्लिक करने के बाद लोग एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ जाते थे, जहां उन्हें मोटे मुनाफे का लालच दिया जाता था. इस आरोपी ने करीब ₹23.95 लाख की ठगी की और उसके खिलाफ देशभर में 38 केस दर्ज हैं.
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