जबलपुर: अब जबलपुर की सड़कों पर सफर सिर्फ दूरी नहीं, रफ्तार और आधुनिकता का अनुभव बन गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन किया, जो ना केवल जबलपुर, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी सौगात साबित हुआ. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''वे झूठी घोषणाएं नहीं करते जो कहते हैं वो करते हैं. जबलपुर को विकास के मामले में पीछे नहीं रहने दिया जाएगा.आने वाले समय में जबलपुर महानगरों की श्रेणी में होगा.''
सिर्फ 7 मिनट में पूरी होगी 45 मिनट की दूरी
इस नए फ्लाईओवर की सबसे बड़ी उपलब्धि है ट्रैफिक से राहत. पहले जहां मदनमहल से दमोह नाका तक का सफर 45 मिनट में होता था, अब वही दूरी सिर्फ 7 मिनट में तय होगी. इसका सीधा असर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और आम लोगों की दैनिक जिंदगी पर देखने को मिलेगा. फ्लाईओवर के नीचे सिर्फ सीमेंट और डामर नहीं, बल्कि 50,000 पौधे, बास्केटबॉल कोर्ट और पार्क जैसी सुविधाएं भी शामिल की गई हैं, जो इसे एक "ग्रीन फ्लाईओवर" का दर्जा देती हैं.
वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर बना ऐतिहासिक फ्लाईओवर
करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ यह भव्य फ्लाईओवर वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर समर्पित है. इसके निर्माण में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है और इसे भविष्य की ट्रैफिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है.
माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री @nitin_gadkari जी के साथ आज जबलपुर की नई पहचान, मध्यप्रदेश के सबसे लंबा फ्लाईओवर (Elevated Corridor) का लोकार्पण किया।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 23, 2025
इस अवसर पर ₹4,250 करोड़ से अधिक की लागत से 174 किमी लंबी 9 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी… pic.twitter.com/jqv394ojUZ
देश का सबसे लंबा सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज
इस फ्लाईओवर की खास बात यह है कि इसमें रेलवे लाइन के ऊपर बना देश का सबसे लंबा सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज भी शामिल है, जिसकी लंबाई 385 मीटर है. यह न केवल इंजीनियरिंग की मिसाल है, बल्कि जबलपुर को एक नई पहचान भी देता है.
टाइगर रिजर्व कॉरिडोर और 60,000 करोड़ की परियोजनाएं
उद्घाटन समारोह में गडकरी ने सिर्फ फ्लाईओवर ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क परियोजनाओं की भी घोषणा की. खासतौर पर जबलपुर से जुड़े बांधवगढ़, कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व को एक कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ने की योजना ने पर्यटन को भी नई उड़ान दी है.
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