इज़राइल और ईरान के बीच हाल ही में 12 दिन तक तनावपूर्ण और घातक संघर्ष चला, तो दुनिया ने देखा कि तकनीक और रणनीति के मामले में इज़राइल कितनी दूर जा चुका है. लेकिन अब जब धूल बैठ चुकी है और जंग के मैदान शांत हो गए हैं, इज़राइल खुद को फिर से तैयार करने में जुट गया है.
ईरान के खिलाफ इज़राइल की रणनीति ने सबको चौंका दिया
इस संघर्ष में इज़राइल ने सिर्फ पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया. उसने अपनी एडवांस लेजर टेक्नोलॉजी, स्टैंड-ऑफ मिसाइल्स और स्मार्ट ड्रोन का भरपूर इस्तेमाल किया. इज़राइली एयरफोर्स ने रैम्पेज और रॉक्स जैसी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से ईरान की एयर डिफेंस को तबाह कर दिया—वो भी बिना उसके हवाई क्षेत्र में दाख़िल हुए.
इसके अलावा, मोसाद के एजेंटों ने ईरान के अंदर गुप्त ऑपरेशन चलाए, जिसमें ड्रोन हमलों के ज़रिए ईरान के सैन्य कमांडरों और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया.
लेकिन हर युद्ध की होती है एक कीमत
भले ही इज़राइल ने तकनीकी और रणनीतिक रूप से बाज़ी मार ली हो, लेकिन इस युद्ध में उसके हथियारों का बड़ा हिस्सा खर्च हो गया. अब वो अपने हथियारों के स्टॉक को फिर से भरने में जुट गया है—जिस पर अरबों डॉलर खर्च होंगे. सैकड़ों फाइटर जेट्स को अब मरम्मत और मेंटीनेंस की ज़रूरत है. मिसाइल, बम, ड्रोन—जंग में जो कुछ इस्तेमाल हुआ, उसकी फिर से खरीद और उत्पादन शुरू हो चुका है.
"आयरन बीम" की चर्चा फिर से तेज़
इज़राइल एक नई पीढ़ी के डिफेंस सिस्टम पर भी काम कर रहा है जिसे "Iron Beam" कहा जा रहा है. यह एक लेजर आधारित एंटी-रॉकेट सिस्टम है जो दुश्मन के मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही खाक कर सकता है. यह तकनीक 'Iron Dome' से भी अधिक एडवांस और सस्ती है—क्योंकि इसमें एक शॉट की लागत बेहद कम होती है.
हथियार बनाने वाली कंपनियों पर पड़ा दबाव
इज़राइल की रक्षा कंपनियां—IAI, Rafael और Elbit Systems—इस समय पूरी क्षमता से काम कर रही हैं. सरकार के साथ-साथ दुनिया भर से इन्हें भारी ऑर्डर मिल रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही तक इन तीनों कंपनियों के पास कुल मिलाकर करीब 235 अरब शेकेल (लगभग 64 अरब डॉलर) के ऑर्डर हैं.
हालांकि, बजट में थोड़ी देरी और युद्ध के बाद की स्थिति ने नए हथियारों की खरीद को थोड़ी धीमी कर दिया है. फिर भी, इज़राइल इस बार किसी भी भविष्य के संघर्ष के लिए न सिर्फ तैयार रहना चाहता है, बल्कि तकनीक और ताकत दोनों में एक कदम आगे भी.
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