यरुशलम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल इजराइल को गहरे शोक में डुबो दिया, बल्कि इसने वैश्विक स्तर पर भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की भावना को मजबूती से सामने लाया है. इस हमले में जहां 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं 12 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया, जिसे लेकर इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रति आभार जताया है.
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक आधिकारिक पोस्ट में पीएम मोदी की संवेदनाओं को सराहा. उन्होंने आतंकवाद को "मानवता के लिए अभिशाप" बताते हुए कहा, "भारत और पीएम मोदी का धन्यवाद, जो इस कठिन समय में इजराइल के साथ खड़े हैं और आतंकवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रहे हैं."
भारत ने जताया गहरा दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि वे यरुशलम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. पीएम मोदी ने यह भी दोहराया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है.
हमले का विवरण: कैसे और कहां हुआ हमला?
रविवार को यरुशलम के रामोट जंक्शन पर स्थित एक व्यस्त बस स्टॉप को आतंकवादियों ने निशाना बनाया. इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दो हमलावरों ने बस में सवार होते ही कार्लो-स्टाइल सबमशीन गन से अंधाधुंध गोलियां चलाईं. 5 लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गई. 12 अन्य घायल, जिनमें 7 की हालत गंभीर बताई जा रही है. दोनों हमलावर मौके पर ही मारे गए. इस हमले में इस्तेमाल की गई अस्थायी बंदूकें पश्चिमी तट की अवैध कार्यशालाओं में बनाई जाती हैं और इनका पहले भी हमलों में इस्तेमाल हो चुका है.
हमलावर कौन थे?
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, दोनों हमलावर फिलिस्तीनी थे, और उनका संबंध रामल्लाह क्षेत्र के गांवों से बताया जा रहा है. अभी उनकी सटीक पहचान उजागर नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में साफ है कि वे पश्चिमी तट से घुसपैठ कर आए थे.
हमास ने जताया समर्थन, सुरक्षा बल सतर्क
इस आतंकी घटना की हमास ने सार्वजनिक तौर पर सराहना की और इसे एक “वीरता पूर्ण कार्रवाई” करार दिया. उनके अनुसार, यह हमला इजराइली कब्जे और अत्याचारों के खिलाफ ‘प्राकृतिक प्रतिक्रिया’ था. इस बयान के बाद इजराइली रक्षा बल (IDF) ने रामल्लाह के बाहरी इलाकों में कई गांवों की घेराबंदी शुरू कर दी है. क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है, और संभावित आतंकी नेटवर्क्स की पहचान की जा रही है.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
इजराइल के विपक्षी नेता यायर लापिड ने सुरक्षा बलों के प्रयासों का समर्थन करते हुए इस घटना को “देश की संप्रभुता पर सीधा हमला” बताया. वहीं, कई दक्षिणपंथी नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी सैन्य कार्रवाई की मांग की है.
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