ISI की नींद उड़ी! आतंकियों के 'समंदर चाचा' को सुरक्षाबलों ने किया ढेर, जानें क्यों पाकिस्तान के लिए था इतना अहम

    Terrorist Guide Bagu Khan Killed: कश्मीर घाटी में दशकों से आतंकी नेटवर्क का मजबूत चेहरा रहा समंदर चाचा आखिरकार भारतीय सेना की रणनीतिक कार्रवाई में मारा गया. गुरेज सेक्टर में पिछले गुरुवार को घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम करते हुए सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया, जिनमें से एक की पहचान बागू खान उर्फ समंदर चाचा के रूप में हुई है.

    ISI lost its sleep Terrorists Samandar Chacha was killed by security forces know more
    Image Source: Social Media/ X

    Terrorist Guide Bagu Khan Killed: कश्मीर घाटी में दशकों से आतंकी नेटवर्क का मजबूत चेहरा रहा समंदर चाचा आखिरकार भारतीय सेना की रणनीतिक कार्रवाई में मारा गया. गुरेज सेक्टर में पिछले गुरुवार को घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम करते हुए सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया, जिनमें से एक की पहचान बागू खान उर्फ समंदर चाचा के रूप में हुई है. यह वही नाम है, जिसने पिछले तीन दशकों में न सिर्फ कई आतंकियों को भारत में घुसपैठ करवाई, बल्कि निर्दोषों की जान लेकर घाटी का माहौल भी बिगाड़ा.

    सेना और खुफिया एजेंसियों के लिए लंबे समय से सिरदर्द बना समंदर चाचा उत्तरी कश्मीर के LOC से लगे इलाकों में एक 'जिंदा नक्शे' की तरह काम करता था. टंगडार, गुरेज, और कुपवाड़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उसकी गाइडिंग क्षमताओं ने उसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों का पसंदीदा बना दिया था.

    पाकिस्तानी ISI के लिए था बहुमूल्य संपत्ति

    समंदर चाचा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI लंबे समय से घाटी में 'सुरक्षित घुसपैठ' के लिए एक अहम हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही थी. सूत्रों की मानें तो वह अक्सर उन आतंकियों के साथ भेजा जाता था, जो विशेष मिशन पर भारत में दाखिल होते थे. मुजफ्फराबाद के पास स्थित उसके गांव ‘मानक पायीन’ को ISI ने कई बार आतंकियों का लॉन्चपैड बनाया.

    कश्मीर में नेटवर्क, और निर्दोषों का खून

    बागू खान न सिर्फ LOC पार कर आतंकियों को घुसाने में माहिर था, बल्कि घाटी के अंदर भारतीय बस्तियों में भी उसका नेटवर्क मजबूत था. सुरक्षा सूत्र बताते हैं कि वह खुद भी लश्कर का एक सक्रिय आतंकी रह चुका है और कई निर्दोष लोगों की हत्या में शामिल रहा है. वर्ष 2010 के बाद से वह ट्रेनिंग कैंप्स में नए आतंकियों को घुसपैठ की तकनीकें सिखाता था.

    अब तंत्र में आई बड़ी दरार

    करीब दो साल पहले उसे फिर से सक्रिय करते हुए ISI ने गुरेज और कुपवाड़ा सेक्टर में घुसपैठ गाइड की भूमिका में तैनात किया था. लेकिन सेना की सतर्कता और कार्रवाई के चलते उसकी मौत अब उन योजनाओं में एक बड़ा ब्रेक मानी जा रही है, जो कश्मीर को अशांत करने की दिशा में रची जा रही थीं.

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