India-America Tariff War: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर बदलती कूटनीतिक समीकरणों के बीच अमेरिका में भारत की निंदा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इस बीच, अमेरिका के एक प्रमुख यहूदी संगठन अमेरिकन यहूदी समिति (AJC) ने भारत का पक्ष लेते हुए ट्रंप प्रशासन के कुछ पूर्व अधिकारियों की टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है. संगठन ने साफ कहा है कि भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए दोष देना अनुचित और तथ्यहीन है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने हाल ही में भारत पर तीखा हमला बोलते हुए रूस से तेल खरीद को "मोदी का युद्ध" बताया और दावा किया कि शांति की राह "नई दिल्ली से होकर" निकलती है. AJC ने इन बयानों को "अपमानजनक" और "गलत दिशा में ले जाने वाला" बताया है.
भारत की ऊर्जा जरूरतों को समझने की ज़रूरत: AJC
यहूदी संगठन ने अपने बयान में कहा, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है और उसकी ऊर्जा जरूरतें वास्तविक हैं. रूस से तेल खरीदना उसकी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है, न कि किसी युद्ध को समर्थन देना.”
ट्रंप की टैरिफ नीति पर भी उठे सवाल
हाल ही में अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए कई वैश्विक टैरिफ को अवैध घोषित कर दिया है. खासकर भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त शुल्क और तेल पर लगाए गए नए टैरिफ को लेकर भी आलोचना हो रही है. अमेरिकी कांग्रेस की विदेश मामलों की समिति ने भी इस नीति को असंतुलित और पक्षपाती करार देते हुए भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है.
भारत-यूएस संबंधों की पुनर्स्थापना की ज़रूरत
AJC के अनुसार, “अब समय है कि भारत और अमेरिका के रिश्तों को फिर से मजबूत किया जाए, न कि राजनीतिक टिप्पणियों से उन्हें और कमजोर किया जाए.”
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