पश्चिम एशिया में तनाव की लपटें एक बार फिर तेज हो गई हैं. बुधवार सुबह ओमान की खाड़ी में ईरान और अमेरिका की सैन्य टुकड़ियों के बीच तीखी झड़प की स्थिति पैदा हो गई. ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार, एक अमेरिकी युद्धपोत जैसे ही ईरान की समुद्री सीमा के नजदीक पहुंचा, ईरानी नौसेना के एक हेलिकॉप्टर ने तेजी से मोर्चा संभालते हुए अमेरिकी पोत को टक्कर देने की तैयारी कर ली.
यह घटनाक्रम उस समय और गंभीर हो गया जब अमेरिकी पोत की ओर से ईरानी हेलिकॉप्टर को चेतावनी दी गई कि यदि वह पीछे नहीं हटा तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी. यह टकराव ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में इज़रायल और ईरान के बीच 12 दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद क्षेत्र की स्थिति पहले से ही संवेदनशील बनी हुई है.
अमेरिका और ईरान की सेनाएं आमने-सामने
ईरान का दावा है कि USS फिजराल्ड नाम का अमेरिकी डेस्ट्रॉयर उनकी जलसीमा की ओर बढ़ रहा था. इसके जवाब में ईरानी नौसेना ने अपने हेलिकॉप्टर से अमेरिकी पोत के ऊपर चेतावनी भरी उड़ान भरते हुए संदेश भेजा कि वह ईरानी क्षेत्र से दूर रहे. ईरानी वायुसेना ने इसे अपनी तत्परता का प्रदर्शन बताते हुए कहा कि हेलिकॉप्टर अब उनके वायु रक्षा प्रणाली की सुरक्षा में है.
अमेरिका का पलटवार
वहीं, अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि पूरी घटना पेशेवर और नियंत्रित ढंग से हुई थी, और USS फिजराल्ड की गतिविधियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. अमेरिका ने यह भी आरोप लगाया कि ईरान गलत सूचनाएं फैला रहा है जिससे क्षेत्र में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है.
गाजा पर हमास की नई शर्तें, मध्यस्थ देश नाराज
इधर, गाजा पट्टी को लेकर हमास की हालिया प्रतिक्रिया ने युद्धविराम समझौते की कोशिशों को झटका दिया है. मध्यस्थता कर रहे मिस्र और कतर ने हमास के रवैये पर नाराजगी जताई है. हमास ने शांति प्रस्ताव के जवाब में इज़रायली सेना की पूरी वापसी, अंतरराष्ट्रीय गारंटी की मजबूत व्यवस्था, और हर बंधक के बदले अधिक संख्या में सुरक्षा बंदियों की रिहाई की मांग रखी है. सूत्रों के अनुसार, हमास की इन मांगों को मिस्र और कतर ने ‘अवास्तविक और अड़ियल’ करार दिया है. दोनों देशों ने साफ कर दिया है कि वे यह प्रस्ताव अमेरिकी प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ तक नहीं पहुंचाएंगे.
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