इजरायल के बाद अब अमेरिका पर भी हमला करेगा ईरान? ये एयरबेस होंगे टारगेट, मिनटों में हो जाएंगे तबाह

    नतांज, इस्फहान और अन्य ठिकानों पर हुए इन हमलों में ईरान के उच्च सैन्य अधिकारी और एटॉमिक वैज्ञानिक मारे गए. जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी मिसाइलें दागीं और सीधे युद्ध की घोषणा कर दी.

    Iran to attack America airbases after Israel
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    वाशिंगटनः 13 जून 2025 की सुबह एक निर्णायक मोड़ लेकर आई, जब महीनों की चुपचाप तैयारी के बाद इज़राइल ने ईरान की धरती पर वायुसेना के ज़रिए हमला बोल दिया. ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत इज़राइली फोर्सेस ने ईरान की प्रमुख परमाणु साइट्स को टारगेट किया. नतांज, इस्फहान और अन्य ठिकानों पर हुए इन हमलों में ईरान के उच्च सैन्य अधिकारी और एटॉमिक वैज्ञानिक मारे गए. जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी मिसाइलें दागीं और सीधे युद्ध की घोषणा कर दी.

    इस पूरे घटनाक्रम में अब एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है — मध्य पूर्व में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने. ईरान बार-बार चेतावनी दे चुका है कि अगर अमेरिका इज़राइल के साथ खड़ा रहा, तो उसके सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं अमेरिका के उन प्रमुख सैन्य और एयर बेस के बारे में, जो इस युद्ध का अगला लक्ष्य बन सकते हैं:

    1. अल-उदीद एयर बेस (कतर)

    मध्य पूर्व का सबसे बड़ा अमेरिकी एयरबेस, जो कतर की राजधानी दोहा से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है. यह बेस CENTCOM (यूएस सेंट्रल कमांड) का अहम हेडक्वार्टर है और करीब 10,000 सैनिकों की तैनाती के साथ 100 से अधिक विमान यहां मौजूद हैं. इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियानों की रीढ़ यह बेस अब ईरान की हिट लिस्ट में हो सकता है.

    2. नेवल सपोर्ट एक्टिविटी (NSA), बहरीन

    बहरीन में मौजूद यह नौसैनिक अड्डा अमेरिका के 5वें फ्लीट का बेस है, जो पूरे खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करता है. लगभग 9,000 सैन्य और असैन्य स्टाफ इस बेस से जुड़े हैं. इस जगह पर अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर, फाइटर जेट और निगरानी तंत्र तैनात हैं — यानी ईरान के लिए एक सामरिक और प्रतीकात्मक लक्ष्य.

    3. कैंप आरिफजान (कुवैत)

    कुवैत में स्थित यह सैन्य अड्डा अमेरिकी जमीनी ऑपरेशनों का लॉजिस्टिक हब है. 1999 में स्थापित यह बेस अमेरिकी सेंट्रल कमांड की आपूर्ति और रणनीतिक प्लानिंग के लिए महत्वपूर्ण है. यह बेस न केवल सैन्य अभियानों का संचालन करता है, बल्कि क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन और सहयोगी सेनाओं को समर्थन भी देता है.

    4. अल-धफरा एयरबेस (UAE)

    संयुक्त अरब अमीरात में स्थित यह एयरबेस अमेरिकी वायुसेना के F-22 रैप्टर और AWACS निगरानी विमानों का केंद्र है. यह बेस खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और ड्रोन हमलों में निर्णायक भूमिका निभाता है. अगर ईरान इस पर हमला करता है, तो यह अमेरिका की खाड़ी में निगरानी क्षमताओं को बड़ा झटका होगा.

    5. इरबिल एयर बेस (इराक)

    इराक के उत्तर में स्थित यह एयरबेस, विशेष रूप से सीरिया और इराक में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए इस्तेमाल होता है. अमेरिकी और सहयोगी बल यहां से कुर्दिश और इराकी सेना को सहयोग प्रदान करते हैं. रणनीतिक दृष्टि से यह बेस बेहद संवेदनशील है, और ईरान की मिसाइल रेंज में भी है.

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