पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा है. ईरान और इजरायल के बीच चल रही तनातनी अब खुली जंग में बदलती दिख रही है. इजरायली हवाई हमलों के जवाब में ईरान ने भी जोरदार पलटवार किया है, जिसमें इजरायल के प्रमुख शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए हैं. हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बयानों ने भी आग में घी का काम किया है.
नेतन्याहू का ईरानी जनता से सीधा आह्वान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश जारी कर ईरानी नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाएं. उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि आप अपनी ऐतिहासिक विरासत और राष्ट्रध्वज के लिए एकजुट हों. दमनकारी शासन से आज़ादी पाने का यही मौका है." यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब ईरान के अंदर भी युद्ध के हालात बन चुके हैं और लोग असमंजस में हैं कि आगे क्या होगा.
खामेनेई की चेतावनी और तेहरान में बढ़ी हलचल
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने नेतन्याहू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इजरायल को "कड़े जवाब" की चेतावनी दी है. इसी बीच, तेहरान के मोनिरीयेह इलाके में एयर डिफेंस सिस्टम की हरकतें कैमरे में कैद हुईं, जो खामेनेई के आवास और राष्ट्रपति कार्यालय के पास है. माना जा रहा है कि वहां किसी संभावित इजरायली हमले को रोका गया.
इस्फहान में परमाणु ठिकाने पर इजरायल का हमला
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता एफी डेफ्रिन ने पुष्टि की है कि उन्होंने ईरान के इस्फहान में स्थित एक बड़ी यूरेनियम संवर्धन सुविधा पर हमला किया है. यह इमारत ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर इस्फहान के बाहरी इलाके में स्थित है और परमाणु कार्यक्रम की दृष्टि से बेहद अहम मानी जाती है. डेफ्रिन ने बताया कि अब तक 200 से अधिक ईरानी सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है.
शुक्रवार से जारी है आग और जवाब की जंग
तनाव की शुरुआत शुक्रवार तड़के हुई जब इजरायली फाइटर जेट्स ने ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बमबारी की. इसके कुछ ही घंटों बाद ईरान ने भी इजरायल पर जवाबी हमला कर दिया. कामिकेज़ ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों से हुए इन हमलों में तेल अवीव समेत कई शहरों को निशाना बनाया गया, जिससे दोनों देशों के बीच हालात युद्ध जैसे बन चुके हैं.
क्या अब टकराव अटल है?
जिस तेजी से हमले और जवाबी हमले हो रहे हैं, और जिस तरह दोनों देशों के नेता एक-दूसरे को सार्वजनिक रूप से ललकार रहे हैं, उससे साफ है कि यह टकराव जल्द थमने वाला नहीं है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस संघर्ष पर टिकी हैं, लेकिन फिलहाल तो हालात सिर्फ बिगड़ते ही नजर आ रहे हैं.
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