'भारत को इजरायल की आलोचना...' ईरान ने की समर्थन की मांग, फिर किया पाकिस्तान का जिक्र, देखें वीडियो

    भारत में ईरान के उप-राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने मौजूदा ईरान-इजरायल तनाव के बीच भारत से राजनयिक हस्तक्षेप की अपील की है.

    Iran seeks support from India in war against Israel
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत में ईरान के उप-राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने मौजूदा ईरान-इजरायल तनाव के बीच भारत से राजनयिक हस्तक्षेप की अपील की है. उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह अपने वैश्विक प्रभाव का उपयोग करते हुए इजरायल पर दबाव बनाए और उसे संयम बरतने के लिए प्रेरित करे.

    हुसैनी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. हाल के सप्ताहों में सीरिया स्थित ईरानी दूतावास पर इजरायल द्वारा किए गए हमले और उसके बाद ईरान की जवाबी कार्रवाई के चलते दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.

    भारत से अपेक्षाएं: वैश्विक दक्षिण की आवाज बने

    उप-राजदूत हुसैनी ने भारत को 'शांतिप्रिय राष्ट्र' और 'वैश्विक दक्षिण की नैतिक आवाज' बताते हुए कहा कि भारत को इस गंभीर परिस्थिति में तटस्थता से आगे बढ़कर सक्रिय कूटनीतिक भूमिका निभानी चाहिए.

    उन्होंने कहा, “अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अक्तूबर में हमास पर इजरायली कार्रवाई की खुली आलोचना की होती, तो शायद आज हालात इतने नहीं बिगड़ते. भारत जैसे देश की चुप्पी इजरायल को और अधिक आक्रामक बना सकती है.”

    IAEA और परमाणु आरोपों पर सवाल

    हुसैनी ने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए. उनका कहना था कि IAEA ने पूर्व में खुद यह कहा था कि ईरान की परमाणु गतिविधियों का सैन्य उद्देश्य नहीं है, फिर भी उसने ऐसी रिपोर्टिंग की जिससे इजरायल को सैन्य कार्रवाई का नैतिक समर्थन मिला.

    “हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि ईरान की रक्षा नीति में परमाणु हथियारों का कोई स्थान नहीं है. हमारी क्षमताएं पर्याप्त हैं, और हम अपनी संप्रभुता की रक्षा बिना परमाणु हथियारों के भी कर सकते हैं,” उन्होंने कहा.

    पाकिस्तान का संदर्भ: भूमिका पर नजरें

    जब एक पत्रकार ने पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों को लेकर सवाल किया कि क्या अमेरिका, पाकिस्तान की ज़मीन का उपयोग ईरान विरोधी गतिविधियों के लिए कर सकता है, तो हुसैनी ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा. उन्होंने कहा, "हम आशा करते हैं कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति के पक्ष में रहेगा और किसी भी प्रकार के विदेशी सैन्य अभियान में भाग नहीं लेगा."

    भारत के लिए संतुलन की चुनौती

    भारत की स्थिति इस पूरे घटनाक्रम में जटिल बनी हुई है. एक ओर इजरायल भारत का रणनीतिक रक्षा साझेदार है, वहीं दूसरी ओर ईरान भारत की ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय कूटनीति में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में, ईरान द्वारा भारत से की गई यह अपील नई दिल्ली के लिए कूटनीतिक संतुलन की परीक्षा बन सकती है.

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