ऑपरेशन सिंधु: इजरायल से जंग के बीच ईरान ने भारत के लिए खोला अपना एयरस्पेस, 1000 छात्र वापस लौटेंगे

    ईरान और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत सरकार ने ऑपरेशन 'सिंधु' के तहत ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने का अभियान तेज कर दिया है.

    Iran opens its airspace for India amid war with Israel
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: ईरान और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत सरकार ने ऑपरेशन 'सिंधु' के तहत ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने का अभियान तेज कर दिया है. इस मानवीय पहल के तहत, ईरान ने विशेष रूप से भारत के लिए अपने बंद एयरस्पेस को आंशिक रूप से खोल दिया है, जिससे राहत प्रयासों को नया मार्ग मिला है.

    पहली फ्लाइट शुक्रवार देर रात दिल्ली पहुंचेगी, जबकि दो और उड़ानें शनिवार को निर्धारित हैं — एक सुबह और एक शाम को. इन उड़ानों के ज़रिए कम से कम 1000 भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी अगले 48 घंटों में सुनिश्चित की जाएगी.

    राजनयिक संवाद के ज़रिए मिली विशेष अनुमति

    ईरान-इज़रायल संघर्ष के चलते ईरानी वायु क्षेत्र अधिकांश अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद है. लेकिन भारत की ओर से किए गए उच्चस्तरीय कूटनीतिक प्रयासों के चलते तेहरान ने एक विशेष एविएशन कॉरिडोर प्रदान किया है. इसे भारत की राजनयिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है.

    तेहरान में भारतीय मिशन लगातार ईरानी विदेश मंत्रालय के संपर्क में है, और दोनों देशों के अधिकारियों के बीच समन्वय के चलते यह राहत कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.

    ऑपरेशन 'सिंधु': भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी

    भारत सरकार ने 18 जून को ऑपरेशन सिंधु की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य संघर्ष-ग्रस्त ईरान से भारतीय नागरिकों, विशेषकर छात्रों, की तेज़, सुरक्षित और संगठित वापसी सुनिश्चित करना है.

    • इस सप्ताह की शुरुआत में, 110 छात्रों को उत्तरी ईरान से निकालकर सड़क मार्ग से आर्मेनिया के येरेवन पहुंचाया गया.
    • वहां से 19 जून को एक विशेष उड़ान द्वारा उन्हें दिल्ली लाया गया.

    तेहरान और येरेवन में भारतीय दूतावासों के बीच समन्वित प्रयासों ने इस सफल निकासी को संभव बनाया.

    ईरान में कितने भारतीय नागरिक हैं?

    विदेश मंत्रालय के अनुसार, ईरान में लगभग 4,000 भारतीय नागरिक वर्तमान में रह रहे हैं, जिनमें से लगभग आधे छात्र हैं. संकट के समय में छात्रों की सुरक्षा और स्वदेश वापसी को प्राथमिकता दी जा रही है.

    कुछ छात्रों के घायल होने की खबरों के बाद, भारतीय मिशन ने तेहरान स्थित अस्पतालों और स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क स्थापित किया है, ताकि ज़रूरतमंदों को त्वरित सहायता दी जा सके.

    मानवता, सहयोग और तत्परता का प्रतीक

    ऑपरेशन सिंधु सिर्फ एक निकासी अभियान नहीं है, बल्कि यह भारत की 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना और संकट में फंसे नागरिकों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

    सरकार ने संकेत दिया है कि यदि हालात बिगड़ते हैं, तो ऑपरेशन सिंधु के दायरे को और विस्तारित किया जा सकता है.

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