तेहरानः बीते कुछ हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक गलियारों में ईरान को लेकर चिंता अचानक तेज हो गई है. ऐसा लग रहा है कि तेहरान कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है — और वह कदम हो सकता है: परमाणु हथियार का निर्माण. हालांकि ईरान बार-बार यह कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ ऊर्जा और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने इस दावे को शक के घेरे में ला खड़ा किया है.
हथियार-स्तरीय यूरेनियम के बेहद करीब पहुंचा ईरान
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA की ताजा रिपोर्ट ने दुनिया को चौंका दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने 60% शुद्धता वाला यूरेनियम स्टॉकपाइल कर लिया है — जो हथियार-योग्य यूरेनियम (90%) से बेहद नजदीक है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर के यूरेनियम से कुछ ही प्रक्रियाओं के बाद परमाणु बम बनाना मुमकिन हो जाता है.
इसका मतलब ये है कि ईरान अब तकनीकी रूप से उस स्तर पर है, जहां से वो बेहद कम समय में परमाणु बम बना सकता है, अगर उसने फैसला कर लिया तो.
हवाई क्षेत्र बंद करने का फैसला क्या संकेत देता है?
एक और घटनाक्रम जिसने वैश्विक चिंता को हवा दी है, वह है — ईरान द्वारा अपने कुछ इलाकों का हवाई क्षेत्र अचानक बंद करना. आमतौर पर ऐसा तब होता है जब देश कोई सैन्य अभ्यास, मिसाइल परीक्षण या फिर उच्च स्तरीय ऑपरेशन करने जा रहा होता है. खुफिया सूत्रों की मानें तो ईरान मिसाइल परीक्षण की तैयारी में है, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि वह अपनी परमाणु तकनीक को व्यवहारिक हथियार में बदलने के अंतिम चरण में है.
IAEA और अमेरिका की कड़ी प्रतिक्रिया
IAEA ने ईरान से अपील की है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को तुरंत पारदर्शी बनाए और उच्च शुद्धता वाले यूरेनियम के उत्पादन को रोके. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ईरान ने कई मौकों पर IAEA निरीक्षकों को साइट्स तक पहुंचने नहीं दिया, जिससे उसकी मंशा पर संदेह और मजबूत हुआ है.
दूसरी ओर, अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने निगरानी में बाधा डाली या अपनी गतिविधियां छिपाने की कोशिश की, तो और अधिक सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
इज़राइल की सख्त चेतावनी
इज़राइल ने तो बात को और आगे बढ़ाते हुए साफ कहा है कि यदि ईरान परमाणु हथियार बनाता है, तो उसे रोकने के लिए सैन्य विकल्पों का इस्तेमाल किया जाएगा. इज़राइल का मानना है कि ईरान की परमाणु शक्ति उसके राष्ट्रीय अस्तित्व के लिए खतरा बन सकती है. इस बयान से साफ है कि मिडिल ईस्ट एक बार फिर युद्ध की कगार पर है.
क्या ईरान झूठ बोल रहा है? या सच में है शांति का इरादा?
ईरान लंबे समय से यह कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है — लेकिन उसके हालिया कदम जैसे IAEA की टीमों को रोकना, 60% यूरेनियम स्टॉक करना और हवाई क्षेत्र सील करना, इस दावे को कमजोर कर रहे हैं. दुनिया को डर इस बात का है कि अगर ईरान ने वाकई परमाणु बम बना लिया, तो यह केवल एक देश या एक क्षेत्र का संकट नहीं रहेगा — बल्कि पूरे वैश्विक शक्ति-संतुलन को हिला कर रख देगा.
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