बिहार की राजनीति इन दिनों सिर्फ चुनावी मुद्दों को लेकर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अंदरूनी तनाव और पारिवारिक विवादों को लेकर भी सुर्खियों में है. तेज प्रताप यादव, जो कभी खुद को 'कृष्ण' कहकर चर्चा में लाते थे, अब निजी रिश्तों और राजनीतिक दूरी के कारण चर्चा में हैं. अनुष्का यादव संग रिश्ते की सार्वजनिक घोषणा और उसके बाद परिवार से खटास, अब तेज प्रताप ने इस पूरे प्रकरण पर अपनी चुप्पी तोड़ी है.
"मेरी दुनिया मम्मी-पापा हैं"
1 जून की सुबह तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक भावनात्मक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के प्रति गहरा प्रेम और समर्पण जताया. उन्होंने लिखा:
“मेरे प्यारे मम्मी पापा.... मेरी सारी दुनिया बस आपदोनों में ही समाई है.भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश.आप है तो सबकुछ है मेरे पास.मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और. पापा आप नही होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग. बस मम्मी पापा आपदोनो स्वस्थ और खुश रहे हमेशा.”
मेरे प्यारे मम्मी पापा....
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) May 31, 2025
मेरी सारी दुनिया बस आपदोनों में ही समाई है।भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश।आप है तो सबकुछ है मेरे पास।मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और।पापा आप नही होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे…
किसकी ओर इशारा कर रहे हैं तेज प्रताप?
तेज प्रताप ने अपने पोस्ट में केवल माता-पिता के प्रति समर्पण ही नहीं दिखाया, बल्कि एक चौंकाने वाला संकेत भी दिया. उन्होंने लिखा कि: "पापा आप नहीं होते तो ना ये पार्टी होती” इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि तेज प्रताप किसे ‘जयचंद’ कह रहे हैं? क्या यह संकेत तेजस्वी यादव या पार्टी के किसी अन्य प्रभावशाली नेता की ओर है, जिन्होंने उन्हें परिवार और पार्टी से अलग-थलग किया?
अनुष्का यादव संग रिश्ते का खुलासा
तेज प्रताप यादव ने कुछ समय पहले यह खुलासा किया था कि वह पिछले 12 वर्षों से अनुष्का यादव के साथ रिलेशनशिप में हैं. उनके साथ कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए, जिसने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी. इस खुलासे के बाद लालू यादव और राबड़ी देवी की नाराज़गी की खबरें सामने आईं. अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, यही कारण बना कि तेज प्रताप को पार्टी से ‘किनारे’ कर दिया गया और परिवार से भी दूरी बना ली गई.
तेज प्रताप की चुप्पी टूटी
तेज प्रताप यादव के इस सोशल मीडिया पोस्ट में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने अपने छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहीं कोई ज़िक्र नहीं किया. इससे यह अटकलें और तेज़ हो गई हैं कि परिवार के भीतर खींचतान अब सिर्फ पीढ़ीगत नहीं, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व की लड़ाई में बदल चुकी है.
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