ईरान ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से एक अहम कदम उठाते हुए गुरुवार को ओमान की खाड़ी और उत्तरी हिंद महासागर में दो दिवसीय सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है. इस अभ्यास में नौसेना और वायुसेना की प्रमुख इकाइयों के साथ आधुनिक हथियारों और मिसाइल प्रणालियों का परीक्षण किया गया. अभ्यास ऐसे समय पर हो रहा है जब ईरान और इजरायल के बीच हालिया टकराव के बाद पश्चिम एशिया पहले से ही संवेदनशील स्थिति में है.
ईरानी सेना ने इस युद्धाभ्यास को ‘इक्तेदार 1404’ नाम दिया है. अभ्यास में समुद्री हमलों की तैयारी को परखने के लिए छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है. इसमें पनडुब्बियों, तटीय और समुद्री मिसाइल प्लेटफॉर्म, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट और युद्धपोतों ने भाग लिया. अभ्यास के पहले दिन ही मिसाइलों से समुद्र में स्थित टारगेट्स को सटीकता से निशाना बनाया गया. ईरानी सेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य रणनीतिक क्षमताओं का परीक्षण, सैन्य तैयारियों में इजाफा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है.
इजरायल और अमेरिका के साथ बढ़ा तनाव
यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब ईरान और इजरायल के बीच जून में 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद हालात पहले से ही तनावपूर्ण हैं. उस संघर्ष में ईरान ने मिसाइलों का प्रयोग किया था और अब दावा कर रहा है कि उनके पास उससे भी ज्यादा उन्नत मिसाइलें मौजूद हैं. ईरानी रक्षा मंत्री अजीज नसीरजादेह ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर दुश्मन कोई गलती करता है, तो ईरान उसका करारा जवाब देगा. वहीं, सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के सलाहकार याह्या रहीम सफवी ने कहा कि इजरायल के साथ भविष्य में फिर से टकराव की संभावना बनी हुई है. उनके अनुसार, “हम पूरी तरह से युद्धविराम की स्थिति में नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे चरण में हैं जो कभी भी युद्ध में बदल सकता है.”
वैश्विक प्रतिक्रिया और चिंताएं
इस सैन्य अभ्यास को लेकर अमेरिका और इजरायल की नजरें ईरान पर टिकी हुई हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस अभ्यास से क्षेत्र में पहले से मौजूद तनाव और भी गहरा सकता है. हालांकि कुछ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ इसे ईरान की नियमित सैन्य तैयारी का हिस्सा भी मानते हैं.
मिसाइलों का सफल परीक्षण
ईरान के सरकारी मीडिया चैनलों के अनुसार, फ्रिगेट आईआरआईएस सबलान और गश्ती पोत आईआरआईएस गनवेह ने समुद्र में स्थित लक्ष्यों को नासिर और कादिर क्रूज मिसाइलों से निशाना बनाया. इसके अलावा तटीय बैटरियों द्वारा की गई गोलाबारी ने भी अभ्यास को गंभीर सैन्य तैयारी का संकेत दिया.
ईरानी नौसेना की भूमिका
ईरान की नौसेना, जिसमें लगभग 18,000 सैनिक हैं, strategically महत्वपूर्ण बंदर अब्बास से संचालित होती है और कаспियन सागर, हिंद महासागर और ओमान की खाड़ी में लगातार गश्त करती है. इस अभ्यास के जरिए ईरान ने एक बार फिर अपनी समुद्री क्षमता का प्रदर्शन किया है.
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